रामु और श्याम की दोस्ती | True Friendship Story in Hindi | Ramu Shyam ki dosti ki kahani
एक गांव में दो दोस्त राम और श्याम रहते थे।। वह अपने दोस्त श्याम के साथ हमेशा साथ खेलता था, स्कूल जाता था और हर मुसीबत में एक-दूसरे का साथ देते थे।
एक दिन, राम को एक नया खिलौना मिला था जिससे वह श्याम के साथ खेलना चाहता था। वे बहुत ही खुश थे और उनकी दोस्ती बहुत ही पक्की थी।
लेकिन, कुछ दिनों बाद श्याम को अपने परिवार के साथ अन्य शहर जाना पड़ा। राम बहुत ही उदास हो गया। उसे श्याम के बिना कोई खुशी नहीं मिलती थी।
राम के दिल में श्याम की यादें बसी रहती थीं, वह खेलने में भी दिलचस्पी नहीं ले पा रहा था। उसके चेहरे पर हमेशा उदासी छाई रहती थी।
कुछ दिनों बाद, राम ने एक छोटी सी बच्ची को दुखी देखा। वह भी अपने दोस्त के बिना ही बहुत उदास थी। राम ने उससे पूछा, “तुम्हारे दोस्त कहाँ है?”
बच्ची ने उत्साहित होकर कहा, “मेरा दोस्त अपने परिवार के साथ दूसरे शहर चला गया है, और मै अकेली हो गई हूँ मुझे उसकी बहुत याद आती मै किसके साथ खेलूँ?
राम ने उस बच्ची को अपनी दोस्ती के बारे में बताया और उसे समझाया कि कैसे वह अपने दोस्त की यादों को पास रख सकती है और अपने मन को खुश रख सकती है।
राम ने उसे सलाह दी कि वह अपने दोस्त को चिट्ठी लिखकर उसे अपने विचारों को बताएं। बच्ची ने राम की सलाह मानी और वह खुश होकर अपने दोस्त को चिट्ठी लिखी।
कुछ ही दिनों में, राम का दोस्त श्याम वापस आ गया। राम उसे देख कर बहुत खुश हुआ ाँद वह शयम को उस बच्ची से भी मिलाने ले गया।
राम और श्याम ने को बच्ची मित्रता की महत्ता को समझाया और उसके दिल को खुशी से भर दिया।
राम ने भी समझा कि मित्रता की महत्ता कितनी जरूरी होती है और वह श्याम की मित्रता को किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहता था।
इसके बाद, वे फिर से दोस्ती के रिश्ते को मजबूती से निभाने लगे और हमेशा एक-दूसरे के साथ खुशी-खुशी खेलते रहते थे।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मित्रता कितनी महत्ता रखती है। हमें अपने दोस्तों को कभी नहीं भूलना चाहिए और हमेशा उनके साथ खुशियों को साझा करना चाहिए। मित्रता हमारे जीवन में एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होती है जो हमें हर मुश्किल में सहारा देती है।
कहानी की शिक्षा: मित्रता का महत्व समझना और दोस्ती के रिश्तों को मजबूत बनाना हर बच्चे के लिए जरूरी है।
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