जादुई पुस्तक बच्चों के लिए मनोरंक कहानी – Jadui Postak or Ramu ki Kahani
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बड़े ही सुंदर और भव्य महल में एक बहुत ही समझदार और ईमानदार महाराज रहते थे। महाराज ने अपने प्रजा की सेवा बहुत प्यार और दिल से करते थे। एक दिन, एक दिन महाराज अपने महल के पुस्तकालय में गए। उन्होंने वह एक बहुत पुरानी और अजीब पुस्तक देखी।
उन्होंने अपने मंत्री को बुलाया और उससे पूछा, “ये इतनी पुरानी पुस्तक यहाँ कैसे आई और ये किसकी है?” मंत्री ने उत्तर दिया, “महाराज,ये तो एक बहुत पुरानी पुस्तक दिखाई देती है लगता है ये बहुत खास पुस्तक है”
महाराज ने तुरंत उसे खोलकर पढ़ने का निर्णय किया। जैसे ही उन्होंने वह पुस्तक खोली उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ, क्योंकि उस पर लिखा था “जादुई पुस्तक” वह एक ऐसी पुस्तक थी जिसमे में कुछ भी लिखा जाता, वह पूरा हो जाता था।
महाराज ने इस अद्भुत शक्ति को देखकर इसे अपने राज्य की सेवा में लगाने का फैसला किया। उन्होंने इस पुस्तक को अपने सबसे विशेष कार्यो को करने में शामिल किया और प्रजा की भलाई के लिए इसका इस्तेमाल करने का आदेश दिया।
जल्द ही यह अद्भुत पुस्तक लोगों का ध्यान और आकर्षण का केंद्र बन गई। एक दिन, गाँव के एक गरीब लड़के रामू ने महाराज से इस पुस्तक को देने की विनती की। और महाराज को बताया की वह पुस्तक उसके दादा जी की है जिसे उन्होंने अपनी सिद्धियों से हासिल किया था उसने महाराज को एक पत्र भी दिखाया जिसमें इस बात का प्रमाण था। की वह पुस्तक उसके दादा जी की है महाराज ने रामू को वह जादुई पुस्तक दे दी और कहा, “ध्यान से इसका इस्तेमाल करना जो भी आप लिखेंगे, वह सच हो जाएगा।”
रामू ने पुस्तक का प्रयोग करने का निर्णय किया। उसने अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने की कोशिश की और पुस्तक में लिखा, “मेरे लिए सबसे सुंदर और भव्य घर बनाने का सपना है।” अचानक, उसके सामने एक भव्य घर बन गया।
रामू को इस आश्चर्यजनक शक्ति पर विश्वास नहीं हो रहा था। वह उसे और भी कामों में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। उसने सोचा मैं इस जादुई पुस्तक का इस्तेमाल लोगों की भलाई के लिए करूंगा।
एक दिन, गाँव में भयानक डाकुओ का हमला हुआ। वे महाराज के महल पर हमला करने आ रहे थे। महाराज के अलावा, रामू भी महल में था। और भी बहुत से सेवक, बच्चे और बूढ़े थे।
रामू ने भयानक हमले से बचाव के लिए तत्परता से पुस्तक में लिखा, “हम सबकी सुरक्षा के लिए तत्परता से समस्या का हल निकालो!” और पुस्तक ने तत्परता से हमले का समाधान कर दिया।
महाराज ने इस अद्भुत घटना को देखकर रामू को सम्मानित किया और उसे अपने सबसे विशेष सलाहकार बनाया। क्यूंकि उसने अपनी समझदारी का प्रदर्शन किया और जुड़ुई पुस्तक का सही इस्तमाल किया।
रामू ने सबको सिखाया कि इस शक्ति का इस्तेमाल सिर्फ भलाई के लिए करना चाहिए, और समस्याओं का समाधान करना ही सच्चे इंसान की पहचान है।
इस तरह, रामू ने जादुई पुस्तक की मदद से लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया और खुद भी महानायक बन गया।
सहायता और साझेदारी का महत्व: रामू ने जादुई पुस्तक की शक्ति को पहचाना और इसे समाज के भले के लिए प्रयोग किया। हमें इससे यह सिख मिलती है कि हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए और साथ मिलकर समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
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