“भूतिया झील की कहानी – Ghost Story in Hindi – Bhoot ki Kahani
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक भूतिया झील थी। लोग कहते थे कि उस झील में रात को भूत दिखाई देते थे। किसी ने उन भूतों को देखा था, और तो किसी ने उनकी आवाज सुनी थी।
एक बच्चा था नाम जिसका नाम सूरज था, जो उस गाँव में रहता था। सूरज ने भी सुना था उस झील के बारे में, और उसे भूतों से बहुत डर लगता था। पर एक दिन, उसने अपने दोस्तों से बात की कि वह भी झील जाना चाहता है और उसे भूतों का रहस्य सुलझाना है। वह यह भी देखना चाहता है कि क्या सचमुच उस झील में भूत रहते हैं।
सूरज के दोस्तों ने भी उसके साथ भूतिया झील जाने का फैसला किया। वे सब मिलकर भूतिया झील की ओर बढ़े। झील की तरफ बढ़ते समय, सूरज ने विचार किया कि क्यों ना भूतों से बात की जाए।
झील के किनारे पहुँचकर, सूरज ने अपने दोस्तों से कहा, “मुझे लगता है हमें इन भूतों से बात करनी चाहिए।”
सूरज के दोस्तों ने उसे रोका, “नहीं राजू, ये खतरनाक हो सकता है।”
पर सूरज ने डर को पार करते हुए कहा, “मुझे लगता है हमें उन्हें जानना चाहिए कि क्यों वे यहाँ पर रहते हैं।” वे सभी लोग आगे बढ़े और झील की तरफ चले वहाँ उन्होंने देखा की वह बहत से भूत घूम रहे है।
सूरज ने भूतिया झील के किनारे खड़े भूतों से पूछा, “आप यहाँ क्यों रहते हैं?”
भूतों ने उसे अपनी कहानी सुनाई। वे कहा करते थे कि वे यहाँ अपनी अधूरी कहानी पूरी करने आते हैं, क्योंकि उनका मानना था कि वे जब तक अपना काम पूरा नहीं करते, उन्होंने बताया कि हमारी कुछ इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं, अगर वे पूरी नहीं होंगी तो हमें मोक्ष नहीं मिलेगा। तब तक वे आत्मा को शांति नहीं दे मिल सकती।
भूत की इच्छा थी की उनके पीछे उनके बच्चे ख़ुशी से रहे और अच्छी शिक्षा प्राप्त करे। ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो, और हम निश्चित होकर मुक्त हो सके। यही उनकी एक अधूरी इच्छा थी जिसकी वजह से उनकी मुक्ति नहीं हो रही थी क्यूंकि उन्हें अपने परिवार की बहुत चिंता थी।
सूरज ने उनकी मदद करने का निर्णय किया। वह और उसके दोस्त उन भूतों की मदद करने में उनका साथ दिया। उन्होंने मिलकर भूतों की अधूरी कहानी पूरी की। भूतो के बच्चों का दाखिला स्कूल में अच्छी शिक्षा दिलाने का भरोसा दिया।
झील के किनारे जब भूतों ने अपने काम को पूरा किया, तो वे शांति से आत्मा को विदा कर दिये।
सूरज और उसके दोस्तों ने देखा कि भूतिया झील का माहौल अब बहुत शांत और सुहाना हो गया था। उन्होंने समझा कि हर किसी का काम करना जरूरी होता है, चाहे वो भूत हो या मानव हमें सबकी मदद करनी चाहिए।
इसके बाद से, सूरज और उसके दोस्तों ने नए दृष्टिकोण से जी सबकी मदद करके जीना शुरू किया और तरक्की हासिल की।
यह हमें सिखाता है कि हमें हमेशा एक स्थिति को समझने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए, और हमारे कर्मों में नैतिकता बनाए रखना चाहिए। भूतों की कहानी सुनकर सूरज ने उन्हें समझा और उनकी समस्या में सहानुभूति दिखाई। यह हमें याद दिलाता है कि हमें दूसरों के दुःखों को समझने और मदद करने के लिए सहानुभूति और समझदारी दिखानी चाहिए।
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