सुनहरी मछली और दूषित वातावरण शिक्षा देने वाली शॉर्ट कहानी
एक छोटी सी नदी के किनारे, जहाँ पानी की छोटी-छोटी लहरें उठती है, वहां एक प्यारी सी मछली रहती थी । उसका नाम सुनहरी था। सुनहरी एक बहुत ही खूबसूरत मछली थी। वह बहुत ही खुशनुमा और खुशी की बूंदों को अपने आसपास फैलाती रहती थी।
सुनहरी मछली की खूबसूरत उसकी त्वचा पर बहुत सारे रंग थे जो उसे उसे खूबसूरत बनाते थे। उसके आसपास के जलवायु में सभी मछलियाँ उसके इस खूबसूरती को देखकर हर बार हैरान होती थीं।
एक दिन, सुनहरी मछली को एक बुजुर्ग मछली ने एक बात बताई। उस बुजुर्ग मछली सुनहरी को ने बताया की हमारी नदी का वातावरण बहुत ख़राब होता जा रहा है। ये बात मछलियों के लिए बहुत गंभीर है अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम ज्यादा दिन का जीवित नहीं रह पायंगे तब सुनहरी ने बुजुर्ग मछली से पूछा की ऐसा क्यों हो रहा है।
तब बुजुर्ग मछली ने बताया नदी किनारे इंसान घूमने आते है वह बहुत सा कूड़ा नदी में ही फेंक जाते है जिसे से हमारी नदी दूषित होती है इंसान हमारे वातावरण को बहुत नुकसान पंहुचा रहे है।
तब सुनहरी मछली ने सोचा हमें अपनी नदी को साफ करना होगा और अपने आस पास के वातावरण को साफ करना होगा। सुनहरी ने तुरंत तैयारी की और नदी की यात्रा शुरू की। और अलग अलग नदियों में जाकर सभी मछलियों से बात करनी शुरू की और नदी की सफाई अपने वातावरण को सुरक्षित रखने और नदी के जल को शुद्ध रखने की बात की।
लकिन जब वह अलग अलग नदियों में गई। तो उसने देखा और महसूस किया वहां की जलवायु बहुत अलग थी। निम्बू ने उस जगह में कई अन्य मछलियों को देखा जो उससे अलग-अलग थीं। कुछ बहुत बड़ी थीं, कुछ थीं चमकीली, और कुछ थीं बहुत धीमी गति से तैरने वाली।
सुनहरी मछली ने वहां के मछलियों से बात की और उन्हें अपने अनुभवों के बारे में बताया। वे सभी बहुत ही हर्षित हो गए सभी मछलियों ने सुनहरी का साथ देने का फैसला किया और नदी को सुरक्षित करने की बात पर ध्यान दिया।
फिर कुछ दिनों में ही सभी मछलिया ने साथ मिलकर नदी की सफाई शुरू की और सारा कचरा नदी के किनार पर कर दिया जहा लोग आकर बैठे थे। इंसान इतना कूड़ा देखकर हैरान हो गए तब एक बुजुर्ग व्यक्ति ने लोगो से कहा की वह वही कूड़ा है जो तुम लोग यहाँ आकर फेंकते हो। तब इंसानो को एहसास हुआ की हम ने नदी को कितना गन्दा कर दिया है।
इंसानो को इस बात का एहसास होते ही उन्होंने सारा कूड़ा किनार से हटाया और नदी को साफ किया और निर्णय लिया। की अब से कोई भी व्यक्ति नदी ने कचरा नहीं फेंकेगा। मछलिओं को ये बात सुनकर बहुत कुछ हुई और अब धीरे धीरे उनके आस पास और नदी का जल भी साफ हो गया।
सुनहरी मछली ने उन्हें अपनी नदी के बारे में बताया, उसकी सुंदरता और सुखद वातावरण के बारे में। वह उन्हें सिखाने की कोशिश की कि हर एक जगह अलग होती है, और हर जगह का अपना ही खास महत्त्व होता है।
धीरे-धीरे, सुनहरी ने सभी मछलियों को एक-दूसरे के साथ मिलकर रहने की महत्त्वपूर्णता और साथीत्व का महत्त्व सिखाया। उसने उन्हें समझाया कि एकता और सामंजस्य के साथ रहना कितना महत्त्वपूर्ण होता है।
इस बेहतर और नए संसार में रहकर, सुनहरी ने सभी मछलियों को खुश रहने और एक-दूसरे के साथ मिलकर रहने का मार्गदर्शन किया। उसके प्रेरणाप्रद और सकारात्मक सोच ने सभी मछलियों के जीवन में नयी ऊर्जा भर दी।
इस तरह, सुनहरी मछली ने नदी की सभी मछलियों को एक साथ मिलकर खुशहाल और खुशी भरे जीवन की दिशा में नेतृत्व किया। वहां की सभी मछलियाँ अब एक दूसरे का साथ देती थीं और वहां का माहौल हमेशा प्रसन्नता से भरा रहता था।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें समाज में एकता और मिल-जुलकर रहना चाहिए। एकता में ही हमारी ताकत होती है और वही हमें सच्ची सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाती है।
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