आर्यन और भूत बच्चा भूतिया घर की कहानी -भूत की कहानी
किसी छोटे से गाँव में एक पुरानी हवेली थीं। यह कहानी एक बच्चे आर्यन की है, जिसने वहां रहने का निर्णय किया। उसके माता-पिता उसे सुनिश्चित करने के लिए बहुत सारे सवाल किए, पर आर्यन ने सभी बातो का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया, “मुझे डरने का कोई शौक नहीं है!” आर्यन एक निडर लड़का था वो भूतो की कहानियो में विश्वास नहीं करता था।
एक दिन आर्यन ने वहां रहने का निर्णय किया और उसके माता-पिता ने उसे वहां रहने की इजाजत दें दी। हवेली में नई शुरुआत के साथ आर्यन का स्वागत हुआ। पहले दो-तीन दिन तो सब ठीक था, पर एक रात आर्यन ने सुना कि रात के समय वहां कुछ अजीब आवाजें आ रही हैं।
धीरे-धीरे, उसके मन में अजीब खयाल आने लगे कि शायद वहां भूत हो सकते हैं। लेकिन आर्यन ने खुद को समझाया और खुद से कहा, “ऐसा कुछ नहीं हो सकता।” कोई भूत वूत नहीं होते ये सब तो मेरे मन का वहम है।
एक दिन, जब आर्यन अपने कमरे में अकेला था, उसने एक अजीब सी आवाज सुनी। वह बाहर देखने निकला, और उसने देखा कि एक छोटे से बच्चे रो रहा था। जिसने फटे पुराने कपडे पहने हुए थे। उसे देखकर ऐसा लग रहा था वह कई महीनो से नहाया भी नहीं है।
आर्यन ने बच्चे से पूछा, “तुम कौन हो? और तुम यहां कैसे आए हो?”
बच्चा मुँह चिढ़ाते हुए बोला, “मैं एक भूत हूं। लेकिन मैं डरावना नहीं हूं। मैं यहां अकेला था, इसलिए मैंने तुमसे मदद मांगने आया हूं।” भूत बच्चे ने आर्यन से कहा क्या तुम मेरी मदद करोगे?
आर्यन ने बच्चे को संबोधित किया, “तुम डरावने भूत नहीं लगते हो। क्या तुम सच में एक भूत हो, तुम्हें यहां आकर कैसा लगा?”
बच्चा हंसते हुए बोला, “यहां बहुत अच्छा लगता है। पर तुम मेरे बारे में किसी को नहीं बताओगे, ठीक है?”
आर्यन ने खुशी खुशी स्वीकार कर लिया, और वह दोनों अच्छे दोस्त बन गए। भूत बच्चा आर्यन को अपने भूत दोस्तों से मिलवाता और रात के समय उनके साथ खेलता था। ऐसा बहुत समय तक चलता रहा, लेकिन आर्यन ने जाना कहानियो में कहे गए भूत ओर असली में भूत बहुत अलग होते है ये इतने बुरे नहीं है जितने कहानियो में बताये जाते है।
एक दिन, गाँव में एक बड़ा मेला आया। आर्यन और भूत बच्चा भी मेले में गए। वहां उन्होंने एक ज्योतिषी से मिला।
ज्योतिषी ने आर्यन के हाथ को देखते हुए कहा, “तुम्हारे पास अद्भुत शक्तियाँ हैं। तुम भूतों के साथ बात चीत कर सकते हो।” आर्यन ने कुछ कहा नहीं क्युकी उसने भूत बच्चे से वादा किया था वह किसी को नहीं बताएगा इस बारे में।
आर्यन को बहुत अच्छा लगा कि उसकी दोस्ती, भूत से उसके लिए कुछ स्पेशल हो सकती है। उसने भूत बच्चा को गाँव के लोगों के सामने लाकर कहा, “यह मेरा दोस्त है, एक खास भूत जो अब बहुत अच्छा है।” ये वैसा भूत नहीं है जो आप लोग अपनी कहानियो में बताते हो ये बहुत ही अच्छा बहुत है बिलकुल हम इंसानों जैसा ही।
गाँव वाले पहले तो हैरान हो गए लेकिन आर्यन के समझाने पर सब समझ भी गए और बहुत खुश हुए कि उसने एक भूत को दोस्त बनाया है। भूत बच्चा ने सिखा दिया कि अगर कोई हमें डरा रहा है, तो हमें उसको अच्छे तरीके से समझाना चाहिए।
इसके बाद से, गाँव वाले और आर्यन ने मिलकर भूत बच्चा को उनकी सारी तकलीफों से बाहर लेकर बहुत अच्छा महसूस किया और उसे अपना सदस्य मान लिया। ओर कुछ समय बाद उस भूत की आयु पूरी हो गई और वो भगवान के पास ख़ुशी ख़ुशी चला गया।
आर्यन का दोस्त एक भूत बच्चा: इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें दूसरों को उनके असली स्वरूप में स्वीकार करना चाहिए, चाहे वे आपके साथ जैसे भी हों। डर और भय छोड़कर, हमें दूसरों के साथ सहयोग और मित्रता की ओर बढ़ना चाहिए। इसके रूप में, आर्यन ने दिखाया कि हमारी आत्मा में डर का कोई स्थान नहीं है, और हम अगर सच्ची दोस्ती से जुड़ते हैं तो हम सभी भूतों से जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
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