Yugal Ashtakam: श्री युगलाष्टकम् ।। कृष्ण प्रेममयी राधा
युगलाष्टक दिन का शुभारंभ श्री युगालाष्टकम (Yugal Ashtakam) से करें। यदि मनुष्य को राधा कृष्ण दोनों की कृपा प्राप्त करनी हो। तो युगलाष्टकम् स्रोत का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए। ये स्तोत्र केवल आठ श्लोकों का है जिसके कारण से इसे श्री युगलाष्टक कहा जाता है। प्रतिदिन किसी भी समय श्री राधा कृष्ण की कृपा के लिए आप इस अष्टक का पाठ कर सकते है।
1. Krishn Premmayi Radha Radha Premmayo Hari ।
Jivanen Dhane Nityam Radhakrishna Gatirmam ॥
कृष्ण प्रेममयी राधा राधा प्रेममयो हरिः ।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥
श्री राधा श्री कृष्ण प्रेममयी हैं, एवं श्री राधा प्रेममय श्री कृष्ण हैं ।
मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं।
2. Krishnasya dravinam radha radhaayah dravinam harih ।
Jivanen Dhane Nityam Radhakrishna Gatirmam ॥
कृष्णस्य द्रविणं राधा राधायाः द्रविणं हरिः ।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥
श्री कृष्ण का जीवन धन राधा हैं, एवं श्री राधा का जीवन धन श्री कृष्ण हैं ।
मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं।
3. Krishna Pranamoyi Radha Radha Pranamyo Hari ।
Jivanen Dhane Nityam Radhakrishna Gatirmam ॥
कृष्ण प्राणमयी राधा राधा प्राणमयो हरिः ।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥
श्री कृष्ण की प्राण श्री राधा हैं, एवं श्री राधा का प्राण श्री कृष्ण हैं ।
मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं।
4. Krishna Dravamayi Radha Radha Dravamayo Harih ।
Jivanen Dhane Nityam Radhakrishna Gatirmam ॥
कृष्ण द्रवामयी राधा राधा द्रवामयो हरिः ।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥
श्री राधा श्री कृष्ण के रस में डूबी हुई हैं, एवं श्री कृष्ण श्री राधा के रस में डूबे हुए हैं ।
मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं।
5. Krishnagehe sthitaan Radha Radhagehe sthito Hari ।
Jivanen Dhane Nityam Radhakrishna Gatirmam ॥
कृष्णगेहे स्थितां राधा राधागेहे स्थितो हरिः ।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥
श्री कृष्ण नित्य ही श्री राधा के संग में स्थित हैं, एवं श्री राधा नित्य ही श्री कृष्ण के संग में स्थित हैं।
मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं।
6. Krishnachitta sthitaam Radha Radhachitta sthito Harih.
Jivanen Dhane Nityam Radhakrishna Gatirmam ॥
कृष्णचित्त स्थितां राधा राधाचित्त स्थितो हरिः ।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥
श्री राधा श्री कृष्ण के नित्य ही चित्त में रहती हैं, एवं श्री राधा के नित्य ही चित्त में श्री कृष्ण रहते हैं।
मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं।
7. Nilambar Dhara Radha Pitambar Dharao Hari ।
Jivanen Dhane Nityam Radhakrishna Gatirmam ॥
नीलाम्बर धरा राधा पीताम्बर धरो हरिः ।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥
श्री राधा नीलांबर धारण करती हैं एवं श्री कृष्ण पीताम्बर धारण करते हैं।
मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं।
8. Vrindavaneshwari Radha Krishna Vrindavaneshwar ।
Jivanen Dhane Nityam Radhakrishna Gatirmam ॥
वृन्दावनेश्वरी राधा कृष्णो वृन्दावनेश्वरः ।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥
श्री राधा वृन्दावनेश्वरी हैं, एवं श्री कृष्ण वृन्दावनेश्वर हैं ।
मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं।
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