Pehli Barish story for kids – पहली बारिश हिंदी कहानी – प्राकृतिक कहानी
मैं हर्ष एक छोटे से गांव वाला किसान का बेटा, मेरे गांव में बहुत समय से बारिश नहीं हुई है गर्मियों की तपती दोपहरी ने हमारे गांव की हरियाली को सूखा और पीला बना दिया था। खेतों में दरारें पड़ चुकी थीं और तालाब का पानी खत्म होने की कगार पर था। गांव के बच्चे छांव में खेलते हुए अक्सर आसमान की ओर देखते थे, जैसे बादलों का आह्वान कर रहे हों। सभी की नजरें बारिश की प्रतीक्षा में थीं।
बूंदों की पहली आहट
एक दिन, जब आसमान में हल्के काले बादल छाने लगे, तो गांववालों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई। हवा में ठंडक और मिट्टी की महक फैलने लगी। बच्चों ने दौड़कर घर के बाहर उडते झूमते पक्षियों को देखा। वे जान गए थे कि अब बारिश आने वाली है। दादी मां ने कहा, “आखिरकार, मेघराजा हम पर कृपा करने आ रहे हैं।”
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पहली बारिश (Pehli Barish ) की शुरुआत
जैसे ही पहली बूंद जमीन पर गिरी, मिट्टी ने अपनी सोंधी महक बिखेर दी। धीरे-धीरे बारिश तेज होने लगी। गांव के बच्चे घरों से बाहर निकल आए और खुशी से नाचने लगे। हर तरफ हर्षोल्लास का माहौल था। किसान अपने खेतों में खड़े होकर भगवान का धन्यवाद कर रहे थे। बरसते पानी के साथ खेतों की प्यास बुझने लगी और हरियाली लौट आई।
गांव की खुशहाली
बारिश ने गांव को नई जिंदगी दी। तालाब भर गए, नदियां बहने लगीं और खेतों में हरियाली छा गई। गांववालों की मेहनत का फल उन्हें मिलता नजर आया। किसानों ने फिर से बीज बोए और उम्मीद की नई किरण जाग उठी। सभी ने मिलकर गांव के मंदिर में पूजा की और भगवान का धन्यवाद किया।
कहानी से सीख
पहली बारिश ने न केवल गांव की जमीन को, बल्कि गांववालों के दिलों को भी तर कर दिया। इस घटना ने हमें यह सिखाया कि कठिनाईयों के बाद हमेशा खुशहाली आती है, बस हमें धैर्य और विश्वास बनाए रखना चाहिए। इस कहानी के माध्यम से हमें यह सिखने को मिलता है कि प्रकृति की छोटी-छोटी घटनाएं भी हमारे जीवन में बड़ी खुशियां ला सकती हैं। पहली बारिश ने हमारे गांव में खुशहाली का संदेश दिया और यह साबित किया कि धैर्य और विश्वास के साथ कठिनाईयों का सामना किया जा सकता है।
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