Bhoot Ki Kahani in Hindi- मजेदार और डरावनी कहानियाँ
भूतिया कहानियाँ सुनना हर किसी को पसंद होता है, खासकर बच्चों को। इस ब्लॉग में हम आपको मजेदार और डरावनी Horror Story in Hindi सुनाएंगे, जिन्हें पढ़कर आपका दिल खुश भी होगा और हल्का डर भी लगेगा!
Table of Contents
सबसे मजेदार और डरावनी भूत की कहानियाँ (Best Horror Stories in Hindi)
1. भूत की मजेदार कहानी: डरीला भूत
गांव के पुराने पीपल के पेड़ पर एक भूत रहता था, जिसका नाम भीकू भूत था। लेकिन भीकू बाकी भूतों से अलग था। जहाँ आम भूत इंसानों को डराते थे, वहीं भीकू खुद ही इंसानों से डरता था!
हर रात जब भीकू जंगल से बाहर आता, उसे लगता कि कोई इंसान उसे देख लेगा और भागकर उस पर कुछ फेंक देगा। इसलिए वह हमेशा खुद को छुपाए रखता।
एक दिन गाँव के कुछ शरारती बच्चे भूतों की कहानियाँ सुनकर जंगल में आ गए। वे मज़ाक में कह रहे थे, “अगर कोई भूत दिखा, तो उसे पकड़ लेंगे!” यह सुनकर भीकू की हालत खराब हो गई।
“अरे नहीं! अगर बच्चों ने मुझे पकड़ लिया तो क्या होगा?” सोचकर वह तेजी से पेड़ के पीछे छिप गया। लेकिन अचानक उसकी पूंछ एक टहनी में फंस गई और “हाय माँ!” कहकर वह ज़ोर से चिल्ला उठा।
बच्चे डरकर इधर-उधर भागने लगे, लेकिन फिर एक बच्चे ने कहा, “अरे, भूत डर क्यों रहा है?”
अब बच्चे समझ गए कि भीकू कोई खतरनाक भूत नहीं, बल्कि खुद डरपोक है! उन्होंने हिम्मत दिखाई और धीरे-धीरे उसके पास गए।
भीकू घबराकर बोला, “प्लीज, मुझे मत पकड़ो! मैं तो खुद तुम लोगों से डरता हूँ!”
बच्चों को हंसी आ गई। वे बोले, “अरे भीकू, तुम दुनिया के सबसे मजेदार भूत हो! हम तुम्हारे दोस्त बन सकते हैं!”
अब भीकू को इंसानों से डर नहीं लगता था। वह बच्चों के साथ छुपा-छुपी खेलता, कहानियाँ सुनाता और कभी-कभी रात में हल्का-फुल्का “भूतिया डर” भी दिखाता, लेकिन सिर्फ हंसाने के लिए!
सीख: डर अक्सर सिर्फ हमारे मन का वहम होता है। अगर हम डर का सामना करें, तो वही चीज़ मज़ेदार बन सकती है! 😄👻
2. जंगल का भूत (Real Horror Story in Hindi)
रवि, अमित, और विशाल तीन घनिष्ठ मित्र थे। उन्हें रोमांच का शौक था, इसलिए उन्होंने जंगल में एक रात बिताने का फैसला किया। गाँव वालों ने चेतावनी दी, “रात के अंधेरे में उस जंगल में मत जाना, वहाँ भूत रहता है!” लेकिन तीनों ने इसे मज़ाक समझकर अनदेखा कर दिया।
रात के 11 बजे, वे जंगल के अंदर पहुँचे। चारों ओर सन्नाटा था, केवल झींगुरों की आवाज़ सुनाई दे रही थी। उन्होंने आग जलाई और बातें करने लगे। तभी पास की झाड़ियों से सरसराहट की आवाज़ आई। विशाल ने टॉर्च जलाकर देखा, लेकिन कुछ नहीं दिखा।
“शायद हवा चल रही होगी,” अमित हँसते हुए बोला। लेकिन तभी..”बचाओ.. बचाओ..”
एक दर्दभरी आवाज़ गूँजी। तीनों एक-दूसरे को घबराहट में देखने लगे। रवि हिम्मत जुटाकर आवाज़ की दिशा में बढ़ा। कुछ दूर जाने पर उसने देखा एक बूढ़ा आदमी फटे कपड़ों में, आँखों में अजीब चमक लिए खड़ा था।
“तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था,” वह धीमे स्वर में बोला। अमित और विशाल भी वहाँ पहुँचे, लेकिन अगले ही पल वह बूढ़ा आदमी हवा में ग़ायब हो गया! तीनों की साँसें अटक गईं। अचानक, ठंडी हवा चली और चारों ओर से पेड़ों की शाखाएँ हिलने लगीं। जंगल में अजीब-सी फुसफुसाहट गूँज उठी।
डर के मारे तीनों भागने लगे, लेकिन रास्ता धुंधला पड़ गया। वे एक जगह फँस गए जहाँ ज़मीन पर किसी के पैरों के गहरे निशान थे, लेकिन उनके खुद के नहीं! तभी पीछे से किसी ने विशाल का कंधा पकड़ लिया। उसने चीखते हुए देखा वही बूढ़ा आदमी!
“चले जाओ! यहाँ से कभी वापस मत आना!” तीनों ने बिना पीछे देखे दौड़ लगाई और गाँव पहुँचकर ही रुके। सुबह होने तक वे काँपते रहे। अगले दिन, गाँव वालों ने बताया कि वर्षों पहले एक बूढ़ा आदमी जंगल में खो गया था, और तब से उसकी आत्मा वहीं भटक रही है।
उस रात के बाद, वे कभी जंगल की ओर नहीं गए…और न ही किसी और ने हिम्मत की! 😨🌲
Read More- छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां
3. भूतिया हवेली की रहस्य (Short Horror Story in Hindi)
गाँव के किनारे एक पुरानी हवेली थी, गांव के लिए जिसे लोग “भूतिया हवेली” कहते थे। कहते हैं, वहाँ जाने वाला कभी लौटकर नहीं आता। कोई कहता कि वहाँ आत्माएँ बसती हैं, तो कोई मानता कि हवेली में कोई बड़ा राज़ छुपा है।
एक दिन, दसवीं कक्षा के छात्र रवि और सुमित ने इस रहस्य को जानने की ठानी। दोनों बेहद बहादुर थे और डर पर विश्वास नहीं करते थे। आधी रात को, टॉर्च और एक लकड़ी लेकर वे भूतिया हवेली में घुसे। हवेली के अंदर अजीब-सी सर्द हवा बह रही थी। दीवारों पर जाले और पुराने चित्र लटके थे, जिनकी आँखें जैसे उन्हें घूर रही थीं।
जैसे ही वे मुख्य हॉल में पहुँचे, अचानक दरवाजा अपने आप बंद हो गया! सुमित ने डरते हुए रवि की बाँह पकड़ ली। तभी सीढ़ियों से किसी के चलने की आवाज़ आई ठक… ठक… ठक…। दोनों की साँसें थम गईं। टॉर्च की रोशनी में उन्होंने देखा कि एक छाया धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ रही थी।
रवि ने हिम्मत जुटाकर पूछा, “क क क… कौन है वहाँ?”
कोई जवाब नहीं आया। फिर अचानक एक पुराना संदूक अपने आप खुल गया, और उसके अंदर एक चमकती हुई किताब मिली। जब उन्होंने किताब खोली, तो उसमें लिखा था “यह हवेली एक खजाने की रखवाली करती है, जो सच्चे दिल वालों को ही मिलेगा!”
तभी हवा में एक धीमी, मगर रहस्यमयी हंसी गूँजी। और देखते ही देखते, हवेली की दीवारें हिलने लगीं। डर के मारे दोनों बाहर की ओर दौड़े। बाहर आते ही दरवाजा खुद-ब-खुद बंद हो गया, और हवेली फिर से सन्नाटे में डूब गई।
अगले दिन जब उन्होंने गाँववालों को किताब दिखाई, तो बुजुर्गों ने बताया कि यह हवेली एक पुराने राजा का खजाना छुपाए हुए है। मगर अब तक कोई इसे ढूँढ नहीं पाया।
रवि और सुमित ने तय किया वे एक दिन फिर लौटेंगे, लेकिन इस बार अच्छे से तैयारी के साथ!
4. स्कूल के बाथरूम में भूत (Bhoot Wali Kahani)
गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुल चुका था। बच्चे अपनी मस्ती में थे, लेकिन इस बार माहौल कुछ अलग था। पांचवीं कक्षा के छात्र रोहन, आर्यन और कबीर के कानों में एक अजीब अफवाह आई। “स्कूल के बाथरूम में भूत है!”
“अरे, ये सब बकवास है!” रोहन ने हंसते हुए कहा।
“पर मैंने सुना है कि जो भी वहाँ अकेले गया, उसे किसी ने पीछे से आवाज़ दी!” आर्यन बोला।
“अगर हिम्मत है तो आज रात को स्कूल में आकर देखते हैं!” कबीर ने चुनौती दी।
तीनों दोस्त तय समय पर स्कूल पहुंचे। घड़ी में रात के 10 बज रहे थे। स्कूल की इमारत अंधेरे में और भी डरावनी लग रही थी। वे दबे पाँव बाथरूम की ओर बढ़े। दरवाजा हल्की-हल्की आवाज कर रहा था, जैसे कोई अंदर हो!
कबीर ने हिम्मत जुटाकर दरवाजा खोला- अंदर घना अंधेरा था। अचानक, पीछे से किसी ने कहा “कौन है वहाँ?”
तीनों की साँसें अटक गईं। रोहन ने टॉर्च जलाई तो देखा एक परछाईं तेजी से हिली और खिड़की से बाहर चली गई!
“भागो!” आर्यन चिल्लाया और तीनों बाहर की ओर दौड़ पड़े।
अगले दिन, स्कूल के चौकीदार से पूछताछ करने पर सच्चाई सामने आई।
“अरे बच्चों, वो कोई भूत नहीं था!” चौकीदार हंसते हुए बोला। “पिछले हफ्ते कुछ बंदर स्कूल में घुस आए थे। वे बाथरूम में जाकर सामान बिखेर देते हैं, और रात को जब हवा चलती है, तो दरवाजा खुद-ब-खुद हिलने लगता है!”
तीनों दोस्तों ने एक-दूसरे को देखा और ज़ोर-ज़ोर से हँस पड़े। तो ये थी स्कूल के भूत की कहानी जो असल में एक बंदर निकला! 😄
Read More- Jungle Ki Kahani in Hindi
5. नटखट भूत की शरारतें (मजेदार भूत की कहानी for Kids)
गाँव के किनारे एक पुराना हवेलीनुमा घर था, जिसे लोग “भूतिया महल” कहते थे। पर असल में वहाँ कोई डरावना भूत नहीं, बल्कि एक नटखट भूत रहता था भूत को डराने से ज्यादा शरारतें करना पसंद था।
गाँव का नाई रघु काका रोज़ सुबह जल्दी उठकर दाढ़ी बनाने की दुकान खोलते थे। एक दिन भूत ने सोचा, “क्यों न कुछ मज़ा किया जाए?” जैसे ही रघु काका ने अपना उस्तरा उठाया, भूत ने शीशे में अपना मज़ेदार चेहरा बना लिया। रघु काका घबरा गए, लेकिन जब उन्होंने पलटकर देखा तो कोई नहीं था!
अगले दिन, जब काका ने ग्राहक की दाढ़ी बनानी शुरू की, भूत ने उनकी उस्तरे की जगह ब्रश रख दिया! ग्राहक हँसते-हँसते लोटपोट हो गया, और काका को समझ आया कि कोई मज़ाकिया भूत उनके साथ खेल कर रहा है।
गाँव के बच्चे भूत की शरारतों से बहुत खुश थे, लेकिन भूत सिर्फ मस्ती ही नहीं करता था, बल्कि मदद भी करता था।
एक दिन मनीषा दीदी के घर में अचानक आटा खत्म हो गया, और रात में कोई दुकान नहीं खुली थी। जब वह परेशान होकर सोने गईं, तो सुबह देखा कि रसोई में आटे की एक पूरी बोरी रखी थी! गाँव में सबने कहा कि यह “अदृश्य दोस्त” की मदद थी।
धीरे-धीरे भूत की शरारतें गाँव में लोकप्रिय हो गईं। लोग उससे डरने के बजाय, उसकी मस्ती का आनंद लेने लगे। कभी वह मटके में से पानी कम कर देता, तो कभी किसी के जूते बदल देता। पर जब भी कोई मुश्किल में होता, भूत चुपचाप मदद कर देता।
अब गाँव के लोग भूत को “नटखट भूत दोस्त” कहते थे। और भूत ? वह हर रात एक नई शरारत की योजना बनाता था। क्योंकि डराने वाला भूत तो कोई भी बन सकता है, पर मस्ती करने वाला? बस भूत ही था! 🎃😄