ईमानदारी हमेशा जीतती है: मजेदार स्टोरी इन हिंदी
Story for kids in hindi: प्राचीन समय की बात है, एक छोटे से गाँव में राम और श्याम नाम के दो मित्र रहते थे। दोनों ही बचपन से एक-दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन उनके स्वभाव में बहुत अंतर था। राम अत्यधिक ईमानदार और मेहनती था, जबकि श्याम चालाक और स्वार्थी था। श्याम हमेशा अपना काम जल्दी और आसान तरीके से पूरा करने की कोशिश करता, भले ही उसे इसके लिए धोखा देना पड़े। दूसरी ओर, राम मेहनत और ईमानदारी से अपना काम करता था।
राम की ईमानदारी का उदाहरण
गाँव में हर साल एक बड़ा बाजार लगता था, जहाँ दूर-दूर से व्यापारी और लोग आते थे। उस बाजार में कई प्रतियोगिताएं भी होती थीं, जिनमें से सबसे प्रमुख थी दौड़ प्रतियोगिता। इस बार गाँव के प्रधान ने घोषणा की थी कि जो इस दौड़ में विजयी होगा, उसे इनाम के रूप में पाँच सोने के सिक्के मिलेंगे। यह सुनकर राम और श्याम दोनों ने दौड़ में भाग लेने का निश्चय किया।
राम ने ईमानदारी से दौड़ की तैयारी की। हर सुबह वह जल्दी उठकर दौड़ की प्रैक्टिस करता, जबकि श्याम ने सोचा कि वह कोई चालाकी दिखाकर जीत जाएगा, इसलिए उसने ज्यादा मेहनत नहीं की। और बस चालाकी में ही अपना पूरा समय बर्बाद कर दिया।
श्याम का धोखा
दौड़ वाले दिन श्याम ने एक प्लैनिंग बनाई। उसने सोचा कि अगर वह जंगल के बीच से दौड़ की गलत निशान काटकर लगा दिया जाये, तो उसे बिना मेहनत के जीत मिल जाएगी। जैसे ही दौड़ शुरू हुई, श्याम जंगल के रास्ते चला गया शार्ट कट से जल्दी पहुंचने की प्लानिंग के साथ और बाकी प्रतियोगी पगडंडी पर दौड़ते रहे। राम पूरी लगन से दौड़ में आगे बढ़ता रहा, बिना किसी धोखे के।
जंगल का रास्ता श्याम को आसान लगा, लेकिन कुछ ही दूरी पर उसे भटकन का सामना करना पड़ा। पेड़-पौधों की घनी छाँव में वह रास्ता भूल गया और इधर-उधर भटकने लगा। उधर, राम ने अपनी ईमानदारी और मेहनत से दौड़ पूरी की और पहले स्थान पर रहा।
ईमानदारी की जीत
राम ने जब फिनिश लाइन पार की, तो प्रधान और गाँववालों ने उसका भव्य स्वागत किया। प्रधान ने उसे पाँच सोने के सिक्के और एक शॉल देकर सम्मानित किया। राम की ईमानदारी और मेहनत की सबने तारीफ की। थोड़ी देर बाद श्याम भी वहाँ पहुँचा, लेकिन वह न केवल हार चुका था, बल्कि उसकी धोखेबाजी का भी सबको पता चल गया था।
श्याम ने अपनी हार मान ली और सबके सामने राम से माफी माँगी। प्रधान ने श्याम को समझाया कि धोखा कभी भी किसी को सही तरीके से सफलता नहीं दिला सकता, जबकि ईमानदारी हमेशा जीतती है। श्याम ने प्रण किया कि वह आगे से कभी धोखा नहीं देगा और हमेशा ईमानदारी से अपने कार्यों को पूरा करेगा।
ईमानदारी हमेशा जीतती है- कहानी से सीख
ईमानदारी हमेशा जीतती है यह कहानी हमें सिखाती है कि ईमानदारी, मेहनत और सच्चाई से ही जीवन में सच्ची सफलता मिलती है। भले ही धोखा देकर कुछ समय के लिए जीत मिल जाए, लेकिन वह सफलता स्थायी नहीं होती। अंततः, जो सच्चाई के मार्ग पर चलता है, वही जीवन में विजयी होता है। राम की तरह हमें भी अपने जीवन में ईमानदार और सच्चे रहना चाहिए, क्योंकि ईमानदारी हमेशा जीतती है, और धोखा देना कभी भी सही नहीं होता।
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