गुरु चरण में मेरी प्रीत हो | Guru Charan Mein | Indresh Upadhyay Bhajan Lyrics Hindi
चाहे हार हो चाहे जीत हो
गुरु चरण में मेरी प्रीत हो , , , , ,
सागर भी तू साहिल भी तू
मझधार और माझी भी तू। , , , , , ,
तुम मद भरा सगीत हो
गुरु चरण में मेरी प्रीत हो। , , , , , ,
चाहे हार हो चाहे जीत हो
गुरु चरण में मेरी प्रीत हो , , , , ,
टूटी हुई कश्ती मेरी
तेरे भराेसे है पड़ी।, , , , , ,
गुरुदेवा मेरे मनमीत हो
गुरु चरण में मेरी प्रीत हो, , , , , ,
चाहे हार हो चाहे जीत हो
गुरु चरण में मेरी प्रीत हो। , , , , ,
दुनिया ये जाने क्या भला
तेरे रस में मुझे क्या मिला। , , , , ,
गुरुदेवा मेरे मनमीत हो
इस प्रकृति का कोेई गीत हो
गुरु चरण में मेरी प्रीत हो,., , , , , ,
चाहे हार हो चाहे जीत हो
गुरु चरण में मेरी प्रीत हो। , , , , ,
मन रे कृष्ण नाम कह लीजिये | Indresh Upadhyay Bhajan Lyrics Hindi
मन रे कृष्णा नाम कह लिजै, राम नाम कह लिजै
गुरु के वचन अटल [सत्य] कर मानो साधू समागम किजै।, , , , , ,
पढ़िए सुनिए भक्ति भागवत और कहा कहु किजै
मन रे कृष्णा नाम कह लिजै, राम नाम कह लिजै। , , , , , ,
कृष्णा नाम रस बह्याे जात है , त्रिशावंता व्है पिजै
सूरदास हरी शरण ता किए , जनम सफल लिजै। , , , , , ,
मन रे कृष्णा नाम कह लिजै, राम नाम कह लिजै , , , , , ,
More Bhajan- Jaadu Karke Bhajan lyrics, Tu he sakhi bad bhag badi
Table of Contents