अखंड ज्योति का महत्व
नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित : नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति प्रज्वलित करना माँ दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त करने का एक बहुत अच्छा मौका है। यह दीपक नौ दिनों तक निरंतर जलता रहता है, जो भक्त की अटूट श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। अखंड ज्योत से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और समृद्धि का वास होता है।
Table of Contents
अखंड ज्योत जलाने की विधि
आवश्यक सामग्री
- मिट्टी या पीतल का दीपक
- शुद्ध देशी घी या तिल का तेल
- रूई की लंबी बाती
- माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र
- पूजा की चौकी
- लाल वस्त्र, फूल, कुमकुम, अक्षत
- धूपबत्ती, कपूर
प्रक्रिया
- पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहाँ माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएँ और उस पर प्रतिमा रखें।
- दीपक की स्थापना: मिट्टी या पीतल के दीपक में शुद्ध घी या तिल का तेल भरें। रूई की लंबी बाती बनाकर दीपक में रखें। बाती की लंबाई इतनी होनी चाहिए कि वह नौ दिनों तक निरंतर जल सके।
- दीप प्रज्वलन: शुभ मुहूर्त में दीपक प्रज्वलित करें। प्रज्वलन के समय ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’ मंत्र का जाप करें।
- पूजा और आरती: दीपक प्रज्वलित करने के बाद माँ दुर्गा की पूजा और आरती करें। प्रतिदिन सुबह और शाम दीपक की लौ की जांच करें और आवश्यक होने पर घी या तेल डालें।
अखंड ज्योति जलाने के नियम और सावधानियाँ
- सतत निगरानी: अखंड ज्योति को कभी अकेला न छोड़ें। घर में हमेशा कोई न कोई सदस्य उपस्थित रहे।
- सुरक्षा: दीपक को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ हवा का सीधा प्रभाव न हो। दीपक के आसपास ज्वलनशील वस्तुएँ न रखें।
- पवित्रता: पूजा स्थल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। दीपक के पास साफ-सफाई बनाए रखें।
- बाती की देखभाल: समय-समय पर बाती की जाँच करें और आवश्यक होने पर उसे समायोजित करें ताकि लौ स्थिर रहे।
अखंड ज्योति जलाने के लाभ
- सकारात्मक ऊर्जा: घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- सुख-समृद्धि: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
- नकारात्मकता से रक्षा: नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से रक्षा होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: भक्त की आध्यात्मिक उन्नति में सहायता मिलती है।
नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करना भक्तों के लिए माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। सही विधि और नियमों का पालन करके आप अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं। इस नवरात्रि, अखंड ज्योति जलाएँ और माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।
Read More- नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री माता की कथा
अखंड ज्योति जलाने के लिए कौन सा तेल या घी उपयुक्त है?
शुद्ध देशी घी का उपयोग सर्वोत्तम माना जाता है। यदि घी उपलब्ध न हो तो तिल के तेल का भी प्रयोग किया जा सकता है।
क्या अखंड ज्योति को बुझने पर पुनः प्रज्वलित किया जा सकता है?
यदि दीपक गलती से बुझ जाए तो तुरंत उसे पुनः प्रज्वलित करें और माँ दुर्गा से क्षमा याचना करें।
अखंड ज्योति जलाने से कौन-कौन से लाभ होते हैं?
अखंड ज्योति जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, सुख-समृद्धि बढ़ती है, और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
क्या अखंड ज्योति जलाने के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए?
हाँ, दीप प्रज्वलित करते समय ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’ मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
क्या अखंड ज्योति जलाने के लिए विशेष दिशा का चयन करना चाहिए?
दीपक को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्थापित करना शुभ होता है।
क्या अखंड ज्योति जलाने के लिए विशेष दिशा का चयन करना चाहिए?
दीपक को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्थापित करना शुभ होता है।
अखंड ज्योति जलाने से कौन-कौन से लाभ होते हैं?
अखंड ज्योति जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, सुख-समृद्धि बढ़ती है, और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।