Rakshabandhan: रक्षाबंधन स्नेह, विश्वास और सुरक्षा का पर्व
Rakshabandhan Hindi Story: रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक पवित्र त्योहार है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती है। बदले में, भाई उसकी रक्षा का वचन देता है और उसे उपहार भेंट करता है। रक्षाबंधन का यह पर्व स्नेह, विश्वास और सुरक्षा के बंधन को मजबूत करने का अवसर है, जिसमें दोनों के बीच के रिश्ते की मिठास और भी गहरी हो जाती है।
रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट प्रेम का त्यौहार है जो प्रत्येक वर्ष श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। रक्षाबंधन (Rakshabandhan) की कथा इस प्रकार है राजा बलि बहुत ही दानवीर राजा थे। भगवान विष्णु के अनन्य भक्त भी थे। एक बार उन्होंने यज्ञ का आयोजन किया।
इसी दौरान भगवान विष्णु राजा बलि की परीक्षा लेने वामन अवतार के रूप में आये। और दान में राजा बलि से 3 पग भूमि मांगी लेकिन 2 पग भूमि में ही वामन भगवान ने पूरी पृथ्वी और आकाश नाप लिया। बलि समझ गए की भगवान उनकी परीक्षा ले रहे है।
तीसरे पग के लिए उन्होंने भगवान वामन के पग अपने सर पर रखवा लिया। और भगवान से याचिका करने लगे राजा बलि के इस दान पर भगवान अत्यंत प्रसन्न हुए और राजा बलि को सौतल लोक का राजा बना दिया और वर मांगने को कहा। राजा बलि ने भगवान से भगवान को ही मांग लिया और अपने साथ रहने के लिए सौतल लोक में ले गया।
उधर देवी लक्ष्मी परेशान हो गई क्युकी भगवान विष्णु अभी तक लौटे नहीं। फिर माता लक्ष्मी ने लीला रची और गरीब महिला बनकर राजा बलि के समुख जा पहुंची। और बलि को राखी बाँधी राजा बलि और अपने स्वरुप में प्रकट हो गई और बलि से अपने प्रिय भगवान विष्णु को मांग लिया। राजा बलि ने भगवान विष्णु को माता के साथ विदा किया। और भगवान विष्णु ने बलि से कहा वह हर साल 4 महीने पाताल में ही निवास करेंगे।
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