Sawan ki Barsat story for kids in hindi – सावन की बरसात बच्चों की हिंदी कहानी
गाँव में सावन का महीना शुरू हो चुका था। चारों ओर हरियाली छा गई थी, और खेत-खलिहान पानी से लबालब भर चुके थे। पेड़ों पर नई-नई पत्तियाँ आने लगी थीं और फसलें लहलहा उठी थीं। इसी माहौल में एक छोटा सा गाँव था, जहाँ गौरी नाम की एक लड़की अपने परिवार के साथ रहती थी।
गौरी की दुनिया
गौरी एक मस्तमौला और खुशमिजाज लड़की थी। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी और गाँव के हर छोटे-बड़े त्यौहार और उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी। सावन का महीना गौरी के लिए बहुत खास था क्योंकि वह इस मौसम का आनंद लेने के लिए अपने दोस्तों के साथ झूला झूलती, बारिश में भीगती और मिट्टी के खेल खेलती थी।
सावन की बरसात (Sawan ki Barsat) की पहली बुँदे सावन में मस्ती
जल्द ही सावन की पहली बारिश ने गाँव को जैसे जीवनदान दे दिया। चारों तरफ बच्चों की खुशी और हंसी-ठिठोली की गूँज सुनाई देने लगी। गौरी भी बारिश का मजा लेने के लिए अपनी सहेलियों के साथ बाहर निकल आई। उन्होंने गाँव के सबसे बड़े पेड़ पर झूला डाला और बारी-बारी से झूला झूलने लगे। गौरी ने आसमान की तरफ देखा और बारिश की बूंदों को अपने चेहरे पर महसूस किया। वह मन ही मन सोच रही थी कि इस सावन में क्या खास होगा।
Read More:- पहली बारिश हिंदी कहानी
सावन में गाँव का मेला
गाँव में हर साल सावन के महीने में एक बड़ा मेला लगता था। इस मेले में गाँववाले अपनी फसलें, हस्तशिल्प, मिठाइयाँ और अन्य वस्तुएँ बेचते थे। इस साल का मेला भी गौरी के लिए खास था क्योंकि उसके माता-पिता ने उसे मेले में अपने लिए कुछ ख़रीदने की अनुमति दी थी। गौरी ने मेले में जाने के लिए अपने सबसे अच्छे कपड़े पहने और अपने सहेलियों के साथ मेला देखने निकल पड़ी।
मेले की रौनक
मेले में चारों तरफ रौनक ही रौनक थी। तरह-तरह के झूले, मिठाई की दुकानें, खिलौनों के स्टॉल और रंग-बिरंगी चूड़ियों की दुकानें सजी हुई थीं। राधा की नजर एक छोटे से खिलौने पर पड़ी जो एक मिट्टी का बना हुआ था। वह खिलौना एक प्यारा सा हाथी था, जिसे देखकर गौरी बहुत खुश हुई। उसने अपने माता-पिता से वह खिलौना खरीदने की जिद की और उसे वह खिलौना मिल गया।
सावन की बरसात (Sawan ki Barsat) बारिश की रोमांचक रात
मेले से लौटते समय अचानक बारिश शुरू हो गई वह सावन की बरसात की पहली शाम थी। गौरी और उसकी सहेलियों ने बारिश का भरपूर आनंद लिया। वे सब एक पेड़ के नीचे खड़े होकर बारिश के पानी में भीगने लगे। गौरी ने देखा कि उसके मिट्टी के हाथी का रंग पानी में घुल रहा था, लेकिन वह फिर भी खुश थी क्योंकि उसे इस पल का आनंद लेना था। बारिश ने उस रात को और भी रोमांचक बना दिया था।
परिवार का प्यार
गौरी ने जब अपने माता-पिता को वह मिट्टी का हाथी दिखाया, तो उन्होंने उसे गले से लगा लिया और कहा, “तुम्हारी खुशी में ही हमारी खुशी है।” राधा ने वह हाथी अपने कमरे में सजाकर रखा और हर रोज उसे देखकर सावन की उस बारिश की यादें ताजा करती रहती।
कहानी से सीख
सावन की बरसात (Sawan ki Barsat) ने गौरी के जीवन में कई खुशियों और यादगार पलों को जोड़ दिया। गाँव की मिट्टी, मेले की रौनक, और परिवार के प्यार ने इस सावन को गौरी के लिए और भी खास बना दिया। इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन के छोटे-छोटे पलों में भी बड़ी खुशियाँ छिपी होती हैं, जिन्हें हमें दिल से जीना चाहिए।
और अधिक कहानियाँ यहाँ पड़े- बरसात का मौसम, राधिका का प्रकृति प्रेम कहानी
Table of Contents