अनमोल कहानियाँ हिंदी में – Read Now Top 10 Moral Short Stories in Hindi
Top 10 Moral Short Stories in Hindi: बेहतरीन नैतिक कहानियाँ हिंदी में – बच्चों के लिए खास हमारी नैतिक कहानियों के इस संग्रह में आपका स्वागत है – जो बच्चों के लिए एकदम सही है! ये कहानियाँ न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि वे उन मूल्यों को भी सिखाती हैं जो बच्चों के चरित्र और नैतिकता को आकार देती हैं।
इन कहानियों को पढ़ने का कारण:
शिक्षाप्रद और मजेदार: हर कहानी में एक मूल्यवान पाठ है, जो इन्हें सोने से पहले या कक्षा में सुनाने के लिए एकदम सही बनाता है।
संस्कृतिक संबंध: इन कहानियों से बच्चों को अपने सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने में मदद मिलती है, साथ ही उन्हें सार्वभौमिक नैतिकता भी समझ में आती है।
प्रेरणादायक पाठ: ईमानदारी, मेहनत, मित्रता और बड़ों का सम्मान जैसी महत्वपूर्ण जीवन कौशल की शिक्षा देने वाली कहानियाँ।
समझने में आसान: सरल हिंदी में लिखी गई, ये कहानियाँ बच्चों के लिए सुलभ हैं और छोटी उम्र से पढ़ने की आदत को बढ़ावा देती हैं। इन नैतिक शिक्षा कहानियों के माध्यम से बच्चे मनोरंजन के साथ-साथ महत्वपूर्ण पाठ भी सीखेंगे, जो उनके जीवन में मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।
“Best Top 10 Moral Short Stories in Hindi for Bedtime”
1. सच्चाई की ताकत: Best Top10 Moral Short Stories in Hindi
ईमानदारी की कहानी: एक समय के बात है एक सुन्दर से गांव में एक लड़की रहती थी जिसका नाम प्रिया था। प्रिया एक बहुत ही समझदार और ईमानदार लड़की थी गांव के सभी लोग उसे उसकी ईमानदारी और अच्छे स्वभाव के लिए बहुत पसंद करते थे।
एक दिन की बात है प्रिया अपने स्कूल से वापस घर आ रही थी, तभी चलते हुए उसकी नज़रे सड़क पर पड़ी और उसने देखा सड़क के किनारे एक बटुआ पड़ा हुआ है। प्रिया ने उस बटुआ को उठाया और उसे खोलकर देखा। उसमें कुछ रुपये और एक पहचान पत्र था। प्रिया देखते ही समझ गई की ये बटुआ किसी गांव वाले किसी व्यक्ति का है। तभी उसने सोचा की ये बटुआ मुझे इसके मालिक तक पहुंचना होगा।
प्रिया सीधे गांव के मुखिया के पास गई। मुखिया गांव के बहुत ही सम्मनित व्यक्ति थे और हर समस्या को हल करने में बहुत होशियार थे। प्रिया ने बटुआ मुखिया जी को देते हुए बताया, “मुखिया जी, मुझे यह बटुआ रास्ते में मिला है। इसमें पहचान पत्र भी है, शायद इससे मालिक का पता चल सकता है।”
जब गांव के मुखिया ने उस बटुए को देखा और उसमे पहचान पत्र देखा तभी उन्होंने पहचान लिया और गांव के उस व्यक्ति को बुलवाया जोकि उनके पहचान का ही था। कुछ ही देर में रामू काका वहा आ गए, जो गाँव के एक बूढ़े व्यक्ति थे। वह अपना बटुआ देखकर बहुत खुश हो गए।
रामू काका अपने उस बटुए को देखकर भावुक होकर कहा, “यह मेरा ही बटुआ है, जिसमें मेरी पेंशन के पैसे थे। मुझे तो ऐसा लगा था कि मैं इसे कभी नहीं पा सकूँगा।” गांव मुखिया ने प्रिया की ओर देखा और मुस्कुराते हुए कहा, “बेटी प्रिया, तुम्हारी ईमानदारी ने आज एक बड़ा उदाहरण पेश किया है। हम सभी को तुम पर गर्व है।”
गांव मुखिया ने प्रिया को गिफ्ट में कुछ रुपये और एक प्रमाण पत्र दिया, जिसमें लिखा था, “गाँव की सबसे ईमानदार बच्ची।”
कहानी से सीख: सच्चाई की ताकत ने न केवल प्रिय को सच्चा इनाम दिलाया, बल्कि पूरे गाँव में उसकी सराहना भी हुई। इस घटना से गाँव के सभी बच्चों ने एक अहम सीख ली: सच्चाई का फल हमेशा अच्छा ही होता है इसलिए हमेशा अच्छाई करते रहे और सभी को खुश रखे।
2. दोस्ती का महत्व की कहानी: Kids Stories in Hindi Perfect for Bedtime
संकट में सच्ची परख बेस्ट नैतिक कहानियाँ: बचपन से ही रामू और श्यामू बहुत अच्छे दोस्त थे। वे दोनों हमेशा साथ खेलते थे, पढ़ाई करते थे और हर काम में एक-दूसरे की मदद करते थे। उनके बीच बहुत ही गहरी दोस्ती थी, इसलिए पूरा गाँव उन्हें आदर्श के रूप में देखता था। एक दिन उन दोनों ने जंगल में घूमने का फैसला किया। दोनों ख़ुशी-ख़ुशी जंगल की ओर चल दिए, लेकिन उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि उस दिन उनकी दोस्ती की असली परीक्षा होगी।
जैसे ही वे जंगल के बीच में पहुंचे, अचानक एक शेर उनके सामने आ गया। जब राम और श्याम ने उसकी दहाड़ सुनी तो वे दोनों डर गये। बिना सोचे-समझे श्याम अपनी जान बचाने के लिए तुरंत पास के एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ गया। पेड़ पर कैसे चढ़ा जाए यह न जानने के कारण राम घबरा गए और सोचने लगे कि क्या किया जाए। उन्हें बाबा की शिक्षा याद थी कि “मुश्किलों के बीच कभी हिम्मत मत हारो।”
ज़मीन पर लेटकर रामू ने अपनी सांसे रोक ली और ऐसा दिखाया की जैसे वह मर चुक्का है। शेर ने रामू को महसूस किया और सोचा कि वह पहले ही मर चुका है। शेर ने उसे छोड़ दिया और धीरे-धीरे वहां से चला गया। कुछ देर बाद श्यामू पेड़ से उतरकर राम के पास आया। उसने मुस्कुराते हुए पूछा, “रामू, मैंने एक शेर को तुम्हारे कान में कुछ फुसफुसाते हुए देखा।” उन्होंने क्या कहा?
रामू ने गंभीरतापूर्वक उत्तर दिया। “शेर ने मुझसे कहा कि सच्चे दोस्त मुश्किल समय में भी हमारा साथ नहीं छोड़ते।” जब श्याम ने यह सुना तो वह लज्जित हो गया। तभी उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने रामू से माफ़ी मांगी। रामू ने कहा कि कोई बात नहीं दोस्त, दोस्ती का मतलब गलतियों से सीखना है.
कहानी से सीख: सच्ची दोस्ती का महत्व केवल संकट के समय ही किया जाता है। सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में भी साथ रहते हैं। श्यामू ने अपनी गलती से सीखा कि सच्ची दोस्ती सिर्फ खुशियों में ही नहीं, बल्कि मुश्किलों में भी निभानी चाहिए।
Popular Hindi Moral Stories – Kids’ Favorites
3. बड़ों का आदर: Top 10 Moral Short Stories in Hindi That Teach Kids Lessons
रिंकू अपने माता-पिता और दादा के साथ एक छोटे से गाँव में रहता था। वह बहुत जिंदादिल और बुद्धिमान लड़का था, लेकिन जो बात उसे अलग करती थी, वह थी अपने दादाजी के प्रति उसका गहरा सम्मान। उनके दादाजी सभी क्षेत्रों में अनुभवी और बुद्धिमान थे और रिंकू उनसे बहुत प्यार करता था।
रिंकू के दोस्त एक दिन उससे मिलने आये। वे सभी खेल-कूद में व्यस्त रहते थे और अपने बड़ों की बात सुनना समय की बर्बादी समझते थे। दोस्तों ने रिंक से कहा, “तुम्हें हर समय दादाजी की बात क्यों सुननी पड़ती है? आओ हमारे साथ खेलो और हम सब मिलकर मस्ती करते है।”
रिंकू ने बहुत प्यार से जवाब दिया, “मुझे मेरे दादा जी की बातें सुनना पसंद हैं। उनके अनुभवों से हमें जीवन की कई और नई चीज़ें सीखने को मिलती हैं। “मैं अपने बड़ों का सम्मान करना बंद नहीं कर सकता।”
कुछ दिनों बाद पूरे गांव में अचानक बाढ़ आ गई। पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ने लगा और लोग घबरा गये। रिंकू के दादाजी ने तुरंत गांव वालों को एक साथ इकट्ठा किया और धैर्य बंधाया। अपने पिछले अनुभवों के आधार पर उन्हें ऊंचाई पर एक सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी।
गाँव वाले शुरू में झिझक रहे थे, लेकिन रिंकू ने दादा जी की सलाह का पालन करने के लिए सबको प्रेरित किया और कहा दादाजी पर भरोसा रखें, वह कभी गलत नहीं होते,। ग्रामीणों ने रिंको की आवाज सुनी और पहाड़ी की ओर बढ़ गए। कुछ ही समय में, पूरे गांव में बाढ़ आ गई, जो लोग दादा जी की सलाह मानकर ऊंचे स्थानों पर चले गए, वे सभी बच गए।
इस घटना के बाद रिंकू के दोस्तों को भी एहसास हुआ कि बड़ों का सम्मान करना चाहिए और सीखा उनकी बात सुनना कितना जरूरी है। रिंकू के अपने दादा के प्रति विश्वास और सम्मान ने पूरे गांव की रक्षा की।
कहानी से सीख: स्थिति चाहे जो भी हो, अपने बड़ों का सम्मान करना हमेशा लाभकारी होता है।
4. लगन और मेहनत का फल: Top 10 Moral Short Stories in Hindi That Kids Will Love
एक समय की बात है, मोहन जोकि एक साधारण सा किसान था, वह अपने खेतों में दिन-रात कड़ी मेहनत करता था। मोहन ने सूर्य की पहली किरण के साथ ही खेतों में काम करना शुरू कर दिया और देर रात तक काम करता रहा। उनका लक्ष्य था कि उनकी फसल इतनी अच्छी हो जिससे उनकी मेहनत सफल हो जाये। इसके विपरीत, उसके पड़ोसी आलसी थे और खेतों में काम के बजाय आराम करना पसंद करते थे। वह अक्सर मोहन का मज़ाक उड़ाते और कहते, “इतनी मेहनत करने से क्या फायदा? “आराम करो और जीवन का आनंद लो” यही जीवन का असली सुख है।
मोहन ने कभी उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। उनका मानना था कि परिश्रम का फल हमेशा मीठा होता है। मोहन ने अपनी खेतो में की फसल की खूब देखभाल की। समय पर पानी देना, खाद देना, पौधों को कीटों से बचाना – मोहन ने अपना सारा काम दिल से किया।।
कुछ ही महीनों बाद, फसलो का तैयार होने का समय आ गया। खेतों की फसल को देखकर सभी गांव वाले चकित रह गए। मोहन के खेत लहलहा उठे, गेहूं की बालियां सुनहरी और सोने की तरह चमक रही थीं, मानो वे मोहन की मेहनत झूम रही हों। दूसरी ओर, पड़ोसियों के खेत सूने और सूखे पड़े थे; उनकी आलसी प्रवृत्ति ने उन्हें खाली हाथ कर दिया था।
खेत के पड़ोसियों ने जब मोहन के खेतों को देखा, तब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ की बिना मेहनत और लगन के कभी सफलता नहीं मिलती। वे शर्मिंदा हुए और मोहन के पास जाकर बोले, “हमने तुम्हारा मजाक उड़ाया, लेकिन आज हमें समझ में आया कि मेहनत का फल सचमुच मीठा होता है। हम भी अब से मेहनत करेंगे और अपनी अच्छी फसल का फल पायेंगे।”
मोहन ने मुस्कुराकर कहा, “भाइयो, मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। यह हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”
कहानी से सीख: इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि मेहनत का फल सच में मीठा होता है। जो व्यक्ति परिश्रम करता है, वही सच्ची सफलता प्राप्त करता है।
Read More Stories:- बड़ों का आदर, दादी की सीख
“10 Inspiring Moral Hindi Stories for Kids – Read Today”
5. लोभ का अंत: लालच बुरी बला है- Story for Kids in Hindi
छोटा सा बच्चा राजू जो अपने माता-पिता के साथ एक गांव में रहता था। उसे मिठाइयाँ बहुत पसंद थीं। उसके घर के पास ही मिठाई की एक पुरानी दुकान थी जिसकी मिठाई बहुत स्वादिष्ट थी। जब भी उसके पिता जी उसके लिए मिठाई लाते, उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। लेकिन मिठाई को लेकर राजू का लालच दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा था। वह सोचता, “अगर सारी मिठाइयाँ मुझे ही मिल जाएं, तो कितना अच्छा होगा!”
एक दिन राजू घर पर अकेला था उसके पिता और माता दोनों घर पर नहीं थी। उसने सोचा आज कोई मुझे रोकने वाला नहीं है क्यों नहीं आज मन भर कर मिठाई खाई जाये। तभी राजू दुकान पर गया और ढ़ेर सारी मिठाइयाँ खरीद लाया। घर आते ही उसने सारी मिठाइयों को खाना शुरू कर दिया। शुरुआत में तो बहुत मज़े से बहुत सारी मिठाई राजू ने चट कर दी। लेकिन थोड़ी देर बाद उसका पेट भारी होने लगा और उसके पेट में जोर से दर्द होने लगा वह बीमार पड़ गया।
धीरे धीरे राजू की तबियत बिगड़ लगी उसे बिस्तर पर लेटना पड़ा। जब माता-पिता लौटे तो उन्होंने देखा कि राजू पेट दर्द से परेशान और बीमार है। पूछने पर उसने सच्च बतया कि उसने मिठाई के लोभ में आकर सारी मिठाइयाँ अकेले ही खा ली। उसकी माँ ने कहा, “राजू, अब समझ में आया कि लालच बुरी बला है? इससे हमेशा नुकसान ही होता है।” किसी भी चीज़ की अति हानिकारक है।
उस दिन के बाद राजू ने समझ लिया कि अब वह कभी भी लालच नहीं करेगा। उसने समझ लिया कि जरूरत से ज्यादा कुछ भी अच्छा नहीं होता।
कहानी से सीख: लालच बुरी बला है। आवश्यकता से अधिक चीज़ें पाने की चाहत हमेशा नुकसान पहुंचाती है।
6. मिल-जुल कर रहना: एकता की शक्ति- Kids Story in Hindi
तीन दोस्त चींटी, कबूतर और मेंढक तालाब के किनारे हरे-भरे जंगल में रहते थे। वे हर मुसीबतों में एक-दूसरे की मदद करते थे, सभी साथ में मिलजुल कर रहते थे। एक दिन की बात है, कबूतर ऊंचे पेड़ की शाख पर बैठा हुआ था और चींटी और चीटियों के साथ मिलकर अपने घर के पास भोजन की तलाश कर रही थी। और मेंढक तालाब के किनारे कूद-फांद कर रहा था।
उसी समय जंगल में एक शिकारी आया। उसके हाथ में एक जाल था, और उसकी आंखे कबूतर को घोर रही थी। शिकारी ने बड़ी होशियारी से धीरे-धीरे जाल फैलाया और कबूतर के पास पहुंच गया। कबूतर इस बात से अनजान था उसे इस खतरे का अंदाजा नहीं हुआ, और वह डाल पर आराम से बैठा रहा।
तभी चींटी ने भी उस चालक शिकारी की चालाकी देख ली और तुरंत अपने दोस्तों को आगाह करने का निश्चय किया। चींटी जल्दी से मेढ़क के पास गई और उसे सारी बात कह सुनाई। मेंढक ने चींटी की बात सुनी और कहा, “हमें अपने साथी के लिए कुछ करना होगा, वरना दोस्त कबूतर उस शिकारी के जाल में फंस जाएगा।”
तभी चींटी और मेढ़क ने तरक़ीब लगाई और चींटी ने तुरंत ही शिकारी के पैर पर जोर से काट लिया। शिकारी दर्द के मारे चिल्ला उठा और उसके हाथ से जाल गिर गया। उसी समय, मेंढक ने जोर-जोर से आवाजें निकालनी शुरू कर दीं और पाने बाकि साथियों को भी बुला लिया ताकि शिकारी डर कर भाग जाए। कबूतर ने यह सुनकर फुर्ती से उड़ान भरी और वह शिकारी के जाल में फसने से बच गया।
शिकारी सभी अन्य जानवरो की आवाज़ से डर क्र हक्का-बक्का रह गया और खाली हाथ लौट गया। तीनों दोस्तों ने राहत की सांस ली और एक-दूसरे को धन्यवाद दिया और सभी मिलकर कर ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे।
कहानी से सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि एकता में शक्ति होती है। जब हम मिल-जुल कर काम करते हैं, तो बड़ी से बड़ी मुश्किल का सामना आसानी से कर सकते हैं।
“Timeless Top 10 Moral Short Stories in Hindi for Family”
7. मनीष की मेहनत: Moral Short Stories in Hindi for Bedtime
एक छोटे से शहर में रहने वाला मनीष एक बहुत साधारण सा लड़का था जो पढ़ाई में कमजोर था। उसके साथी हमेशा उसका मजाक उड़ाते थे और उसे नीचा दिखाते थे। उसे यह महसूस होता था की मैं कभी होशियार लड़का नहीं बन पाउँगा उसकी इतनी कम मेहनत किसी काम की नहीं है। लेकिन एक दिन मनीष ने ठान लिया कि वह अपनी मेहनत से सबको देखा देगा कि वह भी सफल हो सकता है।
एक दिन, मनीष ने अपने माता-पिता के पास जाकर उनसे अपनी कमजोरी के विषय में बात की। उन्होंने उसे समझया की कमजोर विषय पर तुम ज्यादा समय दो और कहा, “बेटा, मेहनत का फल मीठा होता है। तुम मेहनत करो, हम हमेशा तुम्हारे साथ हैं।” इस बात ने मनीष को नई ऊर्जा दी। उसने निश्चय किया कि वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान देगा और सफल होगा।
मनीष ने रोजाना कड़ी मेहनत करनी शुरू की। उसने रात-रात भर जागकर पढ़ाई की। जब भी उसे किसी विषय में कठिनाई होती, वह अपने शिक्षकों से मदद मांगता। धीरे-धीरे, उसकी मेहनत रंग लाने लगी। मनीष ने समझा कि कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है।
मनीष ने मेहनत शुरू कर दी धीरे धीरे दिन बीतने लगे और फिर परीक्षा का दिन आया। मनीष ने अपनी पूरी मेहनत और लगन से परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा के बाद, जब परिणाम घोषित हुआ, तो मनीष ने देखा कि आज उसकी मेहनत रंग लाई वह कक्षा में अव्वल आया था! सभी उसकी मेहनत और सफलता को देखकर हैरान रह गए। अब कोई भी उसका मजाक नहीं उड़ाने वाला नहीं बचा उसने उसकी तारीफ़ की।
कहानी से सीख: मनीष की मेहनत की ये कहानी हमें सिखाती है कि कठिन परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता। यदि हम अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदारी है और मेहनत से प्रयास करें, तो सफलता निश्चित रूप से हमारे कदम चूमेगी।
इस प्रकार, मनीष ने साबित कर दिया कि कठिन परिश्रम से जीत हमेशा संभव है। उसकी मेहनत ने उसे न केवल पढ़ाई में बल्कि जीवन में भी सफलता दिलाई।
8. सुनहरी अंडा देने वाली बत्तख: Top 10 Moral Short Stories in Hindi – Teach Values to Kids
बहुत समय की बात है, एक बार किसान के पास एक अनोखी बत्तख थी। वह बत्तख हर रोज़ एक सुनहरा अंडा देती थी। हर सुबह किसान उस अंडे को पाकर बहुत खुश होता था। एक दिन उसने सोचा, उसने सोचा कि अगर मुझे एक साथ सारे सुनहरे अंडे मिल जाएं तो मेरी जिंदगी ही बदल जाएगी मई बहुत अमीर बन जाऊंगा।
अब तो किसान का लालच दिन पर दिन बढ़ने लगा। उसने सोचा, “अगर मैं इस बत्तख को मार दूं, तो मुझे सारे अंडे एक साथ मिल जाएंगे। बत्तख को क्या पता था आज उसका आख़िरी दिन होने वाला है “उस दिन, जब बत्तख ने अपना अंडा दिया, किसान ने उसे पकड़ लिया और उसे मारने का निश्चय किया।
लेकिन जब उस लालची किसान ने बत्तख को मारा डाला और उसका पेट खोला, तो उसमे उस लालची को कोई अंडा नहीं मिला। उसे समझ में आया कि उसकी लालच ने उसे अंधा कर दिया था। अब न तो उसे बत्तख मिली और न ही वह सुनहरी अंडा। अब किसान के पास पछताने के अलावा कुछ नहीं बचा था।
लेकिन अब उसने अपनी गलती को समझा लिया था और सोचा कि अगर वह धैर्य से काम लेता, तो हर दिन उसे सुनहरी अंडा मिलता। लेकिन अब उसके पास कुछ भी नहीं था। उसके लालच ने उसे सब कुछ छीन लिया।
इस कहानी से हम सभी को यही सीख मिलती है कि लालच का परिणाम हमेशा बुरा ही होता है। अगर हम जीवन में धर्य रहें और अपनी मेहनत पर विश्वास करें, तो जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। किसान की कहानी हमें याद दिलाती है कि कभी-कभी, छोटी-छोटी खुशियाँ ही बड़ी ख़ुशी की ओर ले जाती है। हमें अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करना चाहिए और हर छोटी खुशी का आनंद लेना चाहिए।
कहानी से सीख: इस प्रकार, सुनहरी अंडा देने वाली बत्तख की कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में संतोष और धैर्य होना कितना महत्वपूर्ण है।
Read More: काश मैं भी चिड़िया होती
“Top 10 Moral Short Stories in Hindi – Lessons for Every Child”
9. सही समय की पहचान- Best Kahaniyan for Kids
एक युवा लड़का राम जिसकी चाहत थी अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना। वो हमेशा यही सोचता की के मुझे अधिक सफलता मिलेगी मैं ऐसा क्या करुं जिस से सफल हो जाऊँ। एक दिन वह अपने गांव के अनुभवी बुजुर्ग के पास गया और उनसे पूछा, ” हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज क्या है?”
बुजुर्ग ने मुस्कराते हुए कहा, “बेटा, जीवन में समय का सदुपयोग ही सबसे महत्वपूर्ण है। अगर तुम सही समय पर अपने कार्य नहीं करोगे, तो मेहनत करने पर भी सफलता नहीं मिलेगी।” बुजुर्ग की ये बात राम के मन पर लग गई और उसने इस
बात को अपने जीवन में अपनाने का निर्णय लिया
फिर तो राम ने बिना समय गवाये सुबह जल्दी उठाने से लेकर अपनी पढ़ाई पर सही समय देना शुरू किया। एक दिन उसे पता चला उसकी क्लास में एक विशेष परीक्षा होने वाली है, उसने अपनी पढाई पर ओर ज्यादा जोर दिया। वह हर रोज़ नियमित रूप से पढ़ाई करता और अपने शिक्षकों से भी पढाई में मदद लेता।
आखिरकार परीक्षा का समय आया, राम ने जितना पढ़ा वो सारी मेहनत लगा दी। उसके बाद परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए। राम की मेहनत सफल हुई। उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था।
राम के साथ उस बुजुर्ग की बात हमेशा उसके साथ थी उसने बुजुर्ग की बात मानी और सफलता पा ली। राम ने अपने जीवन में कई अवसरों पर समय का सही उपयोग किया, चाहे वह खेल में हो, पढ़ाई में हो, या जीवन के अन्य निर्णय में हो। धीरे-धीरे वह अपने गाँव में एक सफल व्यक्ति बन गया।
कहानी से सीख: इस प्रकार, राम ने सीखा कि समय का सदुपयोग ही सफलता की कुंजी है। सही समय पर सही कार्य करने से ही जीवन में उन्नति मिलती है।
10. प्रकृति का आदर: Hindi Story for Kids
एक छोटा नीलू बच्चा जो की पेड़-पौधों की कद्र नहीं करता था। वो हमेशा पेड़ो को नुकसान पहुँचता उसे लगता था कि पेड़ केवल छाया देने के लिए होते हैं और उनकी कोई खास अहमियत नहीं है। उनकी डालियों को तोड़ता और फूलों को बर्बाद करता था। नीलू को यह समझ नहीं थी की प्रकृति ही जीवन है। प्रकृति के बिना जीवन अधूरा है।
एक दिन गाँव में भयंकर सूखा पड़ा । गांव के सभी लोग पानी की कमी से परेशान थे। खेत सूख गए, और फसलें मुरझा गईं। गाँव के लोग पानी के लिए इधर-उधर भागने लगे, लेकिन कहीं से भी उन्हें उंम्मीद दिखाई नहीं पड़ती। नीलू ने देखा कि उसके गाँव के लोग कितना दुखी और परेशान हैं। उसे समझ में आया कि अगर पेड़-पौधे होते, तो सूखा इतना भयानक नहीं होता। गांव की ऐसी स्थिति नहीं होती पेड़ पौधे जितने जरुरी है हमारे लिए।
गाँव के बड़े-बुजुर्गों ने आपस में बात करते हुए कहा, “हमने कभी भी प्रकृति का आदर नहीं किया जिसका नतीजा आज हम सब देख रहे है। हमने अपने आस-पास के पेड़-पौधों को बर्बाद किया है और बच्चों को भी इनका आदर करना नहीं सिखाया। अगर हम प्रकृति की रक्षा नहीं करेंगे, तो प्रकृति भी हमारी रक्षा नहीं करेगी।” नीलू ने यह सुनकर अपने व्यवहार पर पछतावा किया।
अब उसने सबक सिखा और निश्चय किया कि वह अब से प्रकृति का आदर करूँगा और दुसरो को भी यही शिक्षा दूंगा। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गाँव में पौधारोपण शुरू किया और धीरे धीरे अपने गांव को फिर से हरा भरा कर दिया और सभी को पेड़-पौधों की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया। नीलू ने सीखा कि प्रकृति का आदर करना कितना महत्वपूर्ण है।
इस घटना के बाद, नीलू ने समझ लिया कि प्रकृति से ही हमारा जीवन है। जब हम पेड़-पौधों की देखभाल करते हैं, तो वे भी हमें जीवनदायी ऑक्सीजन और छाया, साक, सब्जी, फल, फूल प्रदान करते हैं। अब नीलू हर दिन प्रकृति की रक्षा के लिए काम करता है और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करता है।
कहानी से सीख: इस तरह, नीलू ने अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण सबक सीखा: प्रकृति का आदर करना न केवल हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि यह हमारे जीवन के लिए आवश्यक भी है।
Table of Contents