करवा चौथ कथा व्रत की महत्वपूर्ण कहानी | Karva Chauth: A Vow of Love and Devotion -25

करवाचौथ भारत में मनाये जाना वाले प्रसिद्ध त्यौहार में से एक है इसमें पत्नी अपनी पति की लम्बी उम्र की कामना करती है इस त्यौहार में पत्नी अपने पति के लिए व्रत रखती है और रात को चाँद की पूजा करने के बाद ही कुछ कहती है और अपने पति की लम्बी उम्र की दुआ करती है।

“करवा चौथ की कथा: करवा चौथ व्रत की कहानी” -पति की लम्बी आयु और सुख की प्राप्ति की कहानी (Karwa Chauth Ki Katha: The Significance of the Fast)

पार्वती जी की सहेली का नाम करवा था | वह बहुत ही साधारण परिवार में उसका जन्म था एक बार की बात है वह अपने पति के साथ जंगल में रह रही थी , अचानक पति के शरीर में स्थिलता हुई

वह स्थिलता को देखकर पति को लगी प्यास, जब प्यास लगी तो वह पानी पीने के लिए वह सरोवर के पास गया। उनका का पति जैसे ही पनी पीने सरोवर में गया उसे एक मगर ने उसका पैर पकड़ लिया।

करवा के पति का पैर खिंचकर मगर पानी में लेकर जा रहा था। दूसरी तरफ़ करवा को इस बारे में कोई बोध ना था वह तो भगवान की आरधना में लगी होई थी।

अचानक पत्नी के कानो में उसके पति के चीख़ने की आवाज़ आई, करवा सब कुछ छोड़ तेज़ी से दौड़ पड़ी। पति को देखा तो मगरमच्छ खिचकर ले जा रहा था।

करवा ने जैसे ही देखा सब से पहलीअपनी साड़ी का पल्लू फाड़ा ओर उससे मगरमच्छ की पूँछ को पकड़ कर खींचा, विचार कीजिए कितना करवा की सात्विकता में बल होगा, मगर को चीख़ कर पेड़ के नीचे ले गई।

वहाँ आस पास लम्बी ख़ास लगी थी मात्र उस ख़ास से उन से मगरमच्छ को बाँध दिया ओर मगर हिल नहीं पाया।

तभी यमराज के दूत आ गए इस के पति को ले जाने के लिए करवा ने पूछा तुम कौन हो?

यमदूत कहते है तुम्हारे पति का आज अंतिम दिन हैअंतिम समय है अंतिम पलहै ये मरेगा।

वह कहती है अगर मरना है तो इस मगर मच्छ को मारो जिसने मेरे पति का पैर पकड़ रखा है प्राण छोड़ना है तो इस मगर के छोड़िए।मेरे पति के प्राण तो आप ले जा नहीं सकते।

यमदुत कहते है करवा हम अपने नियम को नहीं बदल सकते तेरे पति की अंतिम सांसे है ये मरेगा।

मगरमच्छ को अभी नहीं मारना है ये अभी कम से कम नौ महीना ओर जीवित रहेगा इस का हमारे पास लिख है।

वह कहती है ऐसा हो नहीं सकता यमदूत खड़े है वह ले जाने दे नहीं रही। करवा को क्रोध आ गया हाथ में जल लिया।ओर कहा अगर एक भीयमदुत मेरे पती को उठा कर ले जाता है तो मैं शिव भक्त माँ पार्वती जी की भक्त करवा तुम सब को शाप दे दूँगी।

सब यमदूत दौड़ पड़े यमराज के पास, यमराज ने पूछा क्या बात है तुम क्यू दौड़ कर आए हो क्या बात है? दूत बताते है वो अपने पति को नहीं लाने दे रही। यमराज ख़ुद करवा के पति को लेने जाता है उसे को समझाते है तुम्हारे पति के प्राण जा चुके है तेरा पति के अंतिम पल है इसे ले जाने दे।

करवा जी बोलती है मगर को जाओ पर मेरे पति को नहीं, यमराज जब बार बार बोलता तो उसे क्रोध आया फिर करवा को भी क्रोध आया, क्रोध मेंआकर उसने यमराज को शाप देना चाहा, यमराज चरणो में पड़ गया रहने देकर मैं तुझे वर देता हूँ

आज चतुर्थी का दिन है तरे पति को मैं जीवन दान देता हूँ। जे का दिन करवा चौथ के नाम से मनाया जाएगा | आज के दिन जो तेरे नाम से व्रत रखेगा उसका अखंड सोभाग्य होगा।


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