नैतिक कहानियाँ: बच्चों के आचरण की कहानी
गाँव के एक छोटे से घर में एक प्यारी सी बच्ची प्रिय रहती थी। प्रिया को अपने माता-पिता और दादी से बहुत लगाव था। वह रोज़ अपने बड़ो से नई-नई बातें सीखने की कोशिश करती थी। प्रिया की दादी, जो परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य थीं, जीवन के हर मोड़ पर बच्चों को सिखाने के लिए बहुत सारी कहानियाँ सुनाया करती थीं।
दादी की सीख
एक दिन प्रिया स्कूल से घर आई, लेकिन उसका चेहरा उदास था। उसकी माँ ने पूछा, “बेटा, क्या बात है? आज तुम इतनी उदास क्यों हो?”
प्रिया ने धीरे से जवाब दिया, “माँ, आज मेरे दोस्त मुझसे नाराज हो गए। वे कह रहे थे कि मैं हमेशा अपनी बात मनवाने की कोशिश करती हूँ और उन्हें मौका ही नहीं देती।”
माँ ने हँसते हुए कहा, “बेटा, तुम जाओ और अपनी दादी जी से बात करो। वे तुम्हें ज़रूर कुछ अच्छी सीख देंगी।”
प्रिया भागते हुए दादी के पास गई और उनके पास बैठ गई। उसने दादी को सारी बात बताई। दादी ने मुस्कुराते हुए कहा, “बेटी, बच्चों का आचरण बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर हम दूसरों की बात नहीं सुनते, तो लोग हमसे दूरी बनाने लगते हैं। क्या मैं तुम्हें एक कहानी सुनाऊँ?” जिसमे तुम्हारे लिए बहुत बड़ी सीख है। प्रिया की आँखों में चमक आ गई और उसने कहा, “हाँ दादी, मुझे आपकी कहानियाँ बहुत पसंद हैं!”
कहानी: राजा और उसकी प्रजा
दादी ने कहना शुरू किया, “बहुत समय पहले की बात है, एक राजा था। वह बहुत शक्तिशाली था और उसकी प्रजा उससे बहुत प्यार करती थी। लेकिन राजा का एक दोष था – वह हमेशा अपनी बात मनवाता था और किसी की सुनता नहीं था। धीरे-धीरे प्रजा राजा से दूर होने लगी, क्योंकि उन्हें लगता था कि उनकी बातों का कोई महत्व नहीं है।”
“एक दिन, राजा के पास एक बूढ़ा व्यक्ति आया और उसने राजा से कहा, ‘महाराज, आप बहुत अच्छे हैं, लेकिन अगर आप अपनी प्रजा की बात नहीं सुनेंगे, तो एक दिन वे सब आपसे दूर चले जाएंगे।’ राजा ने पहली बार अपनी गलती को महसूस किया और उसने तय किया कि अब से वह सभी की बातें ध्यान से सुनेगा। इसके बाद उसकी प्रजा फिर से उससे जुड़ गई और उसे और भी ज्यादा प्यार करने लगी।”
प्रिया ध्यान से दादी की कहानी सुन रही थी। दादी ने कहा, “बेटी, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने दोस्तों और परिवार की बातों का भी सम्मान करना चाहिए। अच्छे आचरण का मतलब है कि हम दूसरों की भावनाओं की कद्र करें और अपने व्यवहार से उन्हें खुश रखें।”
प्रिया ने दादी की बातों को ध्यान से सुना और कहा, “दादी, मैं समझ गई हूँ। मैं अबसे अपने दोस्तों की बातों को ध्यान से सुनूँगी और किसी पर अपनी बात नहीं थोपूँगी।”
दादी ने प्रिया को गले लगाते हुए कहा, “बेटा, यही तो बच्चों के आचरण और सच्चे आचरण की पहचान है। जब हम दूसरों का आदर करते हैं और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं, तो हम भी उनका प्यार और सम्मान प्राप्त करते हैं।”
बच्चों के आचरण: सीख और महत्व
प्रिया ने अगले दिन स्कूल जाकर अपने दोस्तों से माफी मांगी और उन्हें बताया कि उसने दादी से क्या सीखा है। उसके दोस्तों ने उसे माफ कर दिया और कहा, “प्रिया, हमें खुशी है कि तुमने यह सीखा। अब हम सब मिलकर अच्छे दोस्त बनेंगे।”
प्रिय का यह बदलाव देखकर सभी खुश थे। उसने अपने अच्छे आचरण से न केवल अपने दोस्तों का दिल जीत लिया, बल्कि खुद को भी बेहतर इंसान बना लिया।
दादी की सिखाई हुई कहानियाँ बच्चों के आचरण और जीवन में महत्वपूर्ण होती हैं। बच्चों के आचरण उनके व्यक्तित्व का आइना होता है। अगर बच्चे सही आचरण सीख लें, तो वे जीवन में आगे बढ़कर अच्छे इंसान बन सकते हैं। प्रिया ने अपने आचरण में सुधार लाकर यह साबित कर दिया कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती, और हम हमेशा बेहतर बनने की कोशिश कर सकते हैं।
Read More Stories:- बड़ों का आदर, दिया और दीपावली
Table of Contents