1. दीन बंधु दीनानाथ – Din Bandhu Dinanath bhajan Lyrics – Shri Indresh Ji bhajan
दीन बंधु दीनानाथ, मेरी सुध लीजै
दीन के दयाल दाता, माेपे कृपा कीजै
भाई नाहीं बन्धु नाही, कुटुंब क़बीलाें नाही
ऐसाे कोई मित्र नाही, जासाे कछू लीजिए
दीन बंधु दीनानाथ, मेरी सुध लीजै
दीन के दयाल दाता, माेपे कृपा कीजै
कहता मलूकदास ,छोड़ दे विरानी आश
सांचाे नाम तेराे दाता, और किसकाे लीजै
दीन बंधु दीनानाथ, मेरी सुध लीजै
दीन के दयाल दाता, माेपे कृपा कीजै
2. कौन पावे याको पार – Prem Nadiya ki Sada with Lyrics | Indresh Upadhyay Bhajan Lyrics
कौन पावे याको पार,
प्रेम नदिया की सदा उल्टी बहे धारा -2
देखाे मै सुनाऊं एक बात अनमेल
ब्र्हा निराकार रहाे गोकुल खेल
नंद यंशोद के द्व्रार, प्रेम नदिया की सदा उल्टी बहे धारा
कौन पावे याको पार, प्रेम नदिया की सदा उल्टी बहे धारा
विष्णु अवतार विश्व पाेषणा करन , साेई करे चारी यहा अहिर धरन
निज प्रभुता बिसार, प्रेम नदिया की सदा उल्टी बहे धारा
कौन पावे याको पार, प्रेम नदिया की सदा उल्टी बहे धारा
गोपी बनाे शिव जाने काम ढेर , ठुमक ठुमक नाचे गाेरा हंसे मुख फेर
नंदी बैल को सवार ,प्रेम नदिया की सदा उल्टी बहे धारा
कौन पावे याको पार प्रेम नदिया की सदा उल्टी बहे धारा
प्रेम को प्रमुख यही वृन्दावन धाम ,प्रेम ही ते पायो श्याम रशिया ने नाम
याहे जाने कहां गंवार ,प्रेम नदिया की सदा उल्टी बहे धारा
कौन पावे याको पार प्रेम नदिया की सदा उल्टी बहे धारा
प्यारी श्यामा प्याराे श्याम , प्याराे श्री वृन्दावन धाम
प्यारी श्यामा प्याराे श्याम , प्याराे श्री वृन्दावन धाम
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