सब्जियों के राजा आलू की कहानी – Sabjiyon ke Raja Aloo Hindi Story for Kids
Raja Aloo Kahani for Kids: बहुत समय पहले की बात है, जब सब्जियों का एक छोटा सा गांव था। इस गांव में हर तरह की सब्जी रहती थी। उस गांव में सभी सब्जियों में आपस में बहुत अच्छी दोस्ती थी, लेकिन एक दिन सब्जियों के बीच एक बहुत बड़ी बहस छिड़ गई। यह बहस इस बारे में थी कि कौन सी सब्जी सबसे महत्वपूर्ण है। सभी आपस में लड़ने लगे कोई कहता मैं बेहत हु कोई कहता मैं।
गाजर ने कहा, “मैं सबसे महत्वपूर्ण हूँ क्योंकि मुझमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है, जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है।”
टमाटर ने कहा, “नहीं, मैं सबसे महत्वपूर्ण हूँ। मेरा रंग और स्वाद खाने को अधिक रुचिकर बनाते हैं, और मुझमें लाइकोपीन होता है जो हृदय के लिए अच्छा होता है।”
भिंडी ने कहा, “आप दोनों से अधिक महत्वपूर्ण मैं हूँ। मेरे अंदर फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो पाचन के लिए अत्यंत आवश्यक है।”
इसी तरह सब्जियों के बीच बहस बढ़ती गई। तभी वहां एक छोटा सा आलू आया और सबको शांत करने की कोशिश करने लगा। उसने कहा, “दोस्तों, हर किसी का अपना महत्व है। हमें मिलकर रहना चाहिए और एक-दूसरे की विशेषताओं को समझना चाहिए।”
लेकिन सब्जियों ने आलू को गंभीरता से नहीं लिया और उसकी बातों को नजरअंदाज कर दिया। तब आलू ने सोचा कि उसे सब्जियों को अपनी अहमियत का एहसास कराना होगा।
एक दिन गांव में एक बड़ा भोज आयोजित किया गया। सभी सब्जियां अपने-अपने विशेष व्यंजन लेकर आईं। जब खाने का समय आया तो लोगों ने देखा कि मेज पर सभी प्रकार की सब्जियां थीं, लेकिन आलू के बिना व्यंजन अधूरे से लग रहे थे। लोग कहने लगे, “यह भोज तो अधूरा है। इसमें कुछ खास कमी है।”
तभी गांव के मुखिया ने कहा, “हमें आलू की जरूरत है। उसके बिना यह भोजन अधूरा है।”
सब्जियों ने यह सुना तो वे हैरान रह गईं। आलू को बुलाया गया और उसके व्यंजन बनाए गए। जैसे ही आलू के व्यंजन मेज पर परोसे गए, लोग खुशी से झूम उठे। अब भोजन पूरी तरह से संतुलित और स्वादिष्ट हो गया था।
आलू का महत्व: Raja Aloo ka Mahetav
सब्जियों ने तब महसूस किया कि आलू के बिना उनका महत्व अधूरा था। आलू ने उन्हें सिखाया कि मिल-जुलकर रहने में ही सच्ची खुशी है और हर किसी का अपना-अपना महत्व होता है।
उस दिन से सब्जियों का राजा आलू (Raja Aloo) को माना जाने लगा, और सब्जियां मिलकर रहने लगीं। आलू के संग वे सभी खुश और संतुष्ट थीं, और उनके गांव में फिर कभी किसी प्रकार की बहस नहीं हुई।
कहानी का नैतिक: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सभी का अपना-अपना महत्व होता है और मिलकर काम करने से ही सच्ची सफलता और खुशी मिलती है। हमें एक-दूसरे की विशेषताओं को समझना चाहिए और सम्मान करना चाहिए।
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