रवि और भूतिया जंगल: Bhootiya Jangle ki kahani
Bhootiya Jangle hindi story: बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में रहने वाला एक बच्चा रवि था। रवि बहुत ही बहादुर और खुशमिज़ाज बच्चा था। एक दिन उसके दोस्तों ने उसे भूतिया जंगल की एक अनोखी कहानी सुनाई।
कहानी में कहा गया कि गाँव के पास एक भूतिया जंगल (Bhootiya Jangle) है, जहाँ रात में भूतों की आवाज़ें सुनाई देती हैं। लोग कहते हैं कि जंगल में अगर कोई रात को जाता है, तो उसे भूतों की चीखें सुनाई जाती हैं और वहाँ का सफर बहुत खतरनाक होता है।
रवि यह सुनकर बहुत रोमांचित हुआ। उसने अपने दोस्तों से कहा, “मुझे भी वहाँ जाना है। मैं डरने वाला नहीं हूँ।” उसके दोस्तों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना।
उस रात, रवि अकेले जंगल की ओर निकला। रात का समय था और जंगल अद्भुत और डरावना लग रहा था। लेकिन रवि ने अपने आप को हिम्मत दी और आगे बढ़ा। धीरे-धीरे, रवि जंगल की गहराई में चलता गया। बारिश की बूंदें गिरने लगीं और हवा भी ठंडी पड़ने लगी। रवि को डर लगने लगा, लेकिन वह अपने लक्ष्य को नहीं भूला।
अचानक, रवि ने एक भूतिया ( Bhootiya) घर देखा। घर के बाहर लटकते झूले देखकर उसके हाथ-पैर काँपने लगे। लेकिन उसने फिर अपनी हिम्मत जुटाई और घर के अंदर चला गया। घर के अंदर, रवि को अचानक एक आवाज़ सुनाई दी। “कौन है?” उसने पूछा, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। फिर से उसने सुना, “कौन है?” यह सुनते ही रवि के हाथ-पैर ठंडे पसीने से भीग गए।
धीरे-धीरे, रवि ने आवाज़ की ओर बढ़ाते हुए कहा, “मैं रवि हूँ। मैं यहाँ आया हूँ क्योंकि मुझे आपकी कहानी सुननी है।” अब, उसने एक और आवाज़ सुनी, “तुम्हे डरने की कोई ज़रूरत नहीं है, रवि। हम भूत नहीं हैं। हम एक पुरानी कहानी का हिस्सा हैं।”
रवि ने देखा कि आवाज़ आती है एक पुराने वृद्ध भूत की। वह बहुत ही वृद्ध भूत ने रवि को अपनी कहानी सुनाई। वह कहता था कि कई सालों पहले, इस जंगल में एक राजा और रानी रहते थे। उनका बेटा, युवराज, एक दिन जंगल में खो गया था और उसका पता नहीं चला। राजा-रानी ने उसकी खोज की, लेकिन वह कहीं भी नहीं मिला। उन्होंने तब जंगल को भूतिया कहा, और लोगों को डराने लगे।
फिर कुछ समय बाद वह युवराज वापस आया, लेकिन वह एक साधारण व्यक्ति नहीं था। वह एक मजबूत इंसान बन गया था क्युकी वह अकेले जंगल में खोया था और उस जंगल में उनसे बहुत कुछ सीखा और खुद को मजबूत बनाया था, जो अब भी इस घर में रहता है। वह वापस कभी अपने मेहल नहीं गया लोगों को यह नहीं पता था, और वे सोचते थे कि जंगल में भूत हैं।
रवि ने भूत की कहानी को सुनकर दुःखी महसूस किया। उसने समझा कि लोगों का डर भूत से नहीं, बल्कि अज्ञान से है। वह निर्धारित किया कि वह लोगों को सच्चाई बताएगा।
रवि ने उसी रात अपने गाँव के लोगों को घर में ले गया। वहाँ, उन्होंने भूत से मिला। भूत ने उन्हें युवराज की कहानी सुनाई और उन्हें वहाँ का सच्चाई दिखाया। लोग चौंके और दुःखी हो गए कि उन्होंने गलती से भूत का डर मान लिया था। उन्होंने भूत से माफ़ी मांगी और उसे उनकी सहायता करने का वादा किया।
रवि ने इस घटना से सिखा कि हमें किसी को बिना सच्चाई जाने नहीं डरना चाहिए। भूत नहीं, अज्ञानता हमें डरा सकती है। वह लोगों को यह सिखाने का निर्णय लिया कि सच्चाई को जानना ज़रूरी है और किसी के प्रति उचित रूप से निर्मल और खोले-दिल से होना चाहिए। इसके बाद से,
भूतिया जंगल (Bhootiya Jangle) की डरावनी कहानियों का अंत हुआ
और लोगों की यहाँ जाने की हिम्मत बढ़ गई। रवि ने लोगों को सच्चाई का परिचय किया और जंगल की सुंदरता का आनंद लिया। इस अनोखी भूतिया जंगल (Bhootiya Jangle) की कहानी ने रवि को न केवल एक नई दिशा दी, बल्कि उसने लोगों को भी सच्चाई की ओर ले जाने में मदद की। उसने समझा कि डर केवल अज्ञानता की वजह से होता है, और जब लोग सच्चाई को जानते हैं, तो वे डर को हरा सकते हैं।
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