“गणेश चतुर्थी का महत्व: इस उत्सव को मनाने के पीछे की कहानी”

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गणेश चतुर्थी क्या है और यह कब मनाया जाता है?

गणेश चतुर्थी हिंदू त्योहारों में एक प्रमुख है, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह भगवान गणेश के जन्मदिन को चिह्नित करता है।

गणेश चतुर्थी का क्या महत्व है?

गणेश जी को विघ्नहर्ता और ज्ञान के देवता माना जाता है। इसलिए, गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है।

गणेश चतुर्थी पर पूजा का तरीका क्या है?

घर में गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है और 10 दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है। पूजा में दीपक जलाया जाता है, पुष्प और फल अर्पित किये जाते हैं, और गणेश मंत्रों का जाप किया जाता है। इसके बाद, गणेश चालीसा का पाठ किया जाता है और आरती की जाती है।

गणेश जी की आराधना का क्या महत्व है?

गणेश जी को विघ्नहर्ता, बुद्धि के दाता और समृद्धि के अग्रदूत माना जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य में सबसे पहले गणेश जी को पूजा जाता है। वे शुभारंभ के देवता हैं। गणेश जी की कृपा से सभी संकट और विघ्न दूर होते हैं और सभी कार्यों में सफलता मिलती है।

गणेश चतुर्थी के दिन चाँद नहीं देखना चाहिए?

एक बार गणेश जी देवताओं की सभा में आ रहे थे। उनका स्वरूप विशाल है, इसलिए उन्हें लंबोदर कहा जाता है, एक बार गणेश देवताओ की सभा में आ रहे थे रास्ते में उनका पैर फिसल गया, जिससे चंद्र देव ने हंसकर उनका मज़ाक उड़ाया। इस अपराध के कारण चंद्र देव को श्राप मिला कि गणेश चतुर्थी के दिन जो भी चंद्र दर्शन करेगा, वह पाप का भागी बनेगा।