Jiva ki Yatra bedtime story
जीवा, कछुआ और बुलबुल की खुशियों से भरी यात्रा: एक छोटे से गाँव में एक प्यारी सी लड़की जीवा (Jiva) रहती थी। वह गाँव की सबसे बड़ी नदी के किनारे बसी थी। जीवा को नदी के किनारे रहने का बहुत शौक था। उसके लिए नदी के पास रहना बस एक जगह नहीं था, बल्कि वहाँ की हर एक बूंद, हर एक लहर, हर एक पशु उसके लिए एक अलग ही खुशी लेकर आते थे ।
जीवा (Jiva) की सबसे बड़ी खुशी उसके आस पास खेलने वाले दोस्त थे – एक दोस्त था मीनू, जो एक प्यारा सा कछुआ था, और दूसरा था बुलबुल, जो एक सुंदर पंछी था। जीवा, कछुआ और बुलबुल का एक साथ हर दिन नदी के किनारे खेलना और मनोरंजन करना उनकी रोज़ाना की आदत बन गई थी।
एक दिन, जीवा, कछुआ और बुलबुल ने मिलकर नदी में एक सफर का निर्णय किया। उन्होंने सोचा कि यह उनकी जिंदगी का सबसे यादगार और रोमांचक सफर होगा। सफर का सोचकर ही जीवा का मन उत्साहित हो गया। तभी जीवा ने एक नाका का इंतज़ाम भी किया नदी के सफर के लिए।
सफर के लिए तैयार होते हुए, जीवा, कछुआ और बुलबुल ने नदी की गहराई में जाने का निर्णय किया। नदी की गहराई में जाने के बाद, जीवा को बहुत अच्छा लगने लगा। उसने कछुआ और बुलबुल को अपनी खुशी का इजहार किया और उनसे कहा, “यह सफर हमारी जिंदगी का सबसे यादगार और रोमांचक सफर है।”
नदी की गहराई में जाने के बाद, जीवा, कछुआ और बुलबुल ने नदी की सुंदरता का लुफ्त उठाया। वहाँ की शांति और सुकून ने उनके मन को भर दिया। जहाँ एक अगल छुपी हुई दुनिया थी जो बेहद खास थी वह एक से एक सुन्दर मनमोहक जीव थे।
जीवा (Jiva) ने महसूस किया कि वह अपने सबसे करीबी दोस्तों के साथ है और उनके साथ हर पल बहुत खुश है। उन सबने नदी के निचे बहुत से जीव देखे जिसमे बहुत सुन्दर सुनदर मछलियाँ, ऑक्टोपस, बेल, सार्क और भेट बहुत से अन्य सुन्दर सुन्दर जीवा थे।
सफर के दौरान, जीवा ने अपने दोस्तों के साथ बहुत सारी मजेदार कहानियाँ सुनीं और खेले। वहाँ की खूबसूरत तस्वीरें उनकी यादों में सदा के लिए बस गई। जीवा का ये सफर बहुत खास सीख देने वाले था और उसे एक नई दुनिया से मालनए वाला था। जहा बहुत खूबसूरत जिव रहते है।
सफर के अंत में, जीवा, कछुआ और बुलबुल ने नदी से बाहर निकलकर अपने गाँव की ओरजाने का पलटने का निर्णय किया। उन्होंने सोचा कि यह सफर उनकी जिंदगी का सबसे यादगार सफर था और वह हमेशा इसे याद रखेंगे। उन्होंने देखा और जाना पानी के अंदर भी एक बहुत सुन्दर दुनिया है।
जो हमारी दुनिया से बिलकुल अलग है। इस लिए जीवा (Jiva) ने अब सोचा हमें नदी को गन्दा नहीं करना चाहिए। और निर्णय लिया की वो अपने दोस्तों के साथ मिलकर गॉंव वालो को इस बारे में जागरूक करेगी। और नदी को स्वच्छ बनाएगी।
इस तरह, जीवा, कछुआ और बुलबुल का सफर सिर्फ एक साधारण सफर नहीं था, बल्कि यह एक अनुभव और सीख का भंडार भी था। जीवा ने इस सफर में नए दोस्त बनाए और नयी खुशियों का अनुभव किया। यह सफर उसके लिए एक अनमोल याद बन गया और उसने इससे बहुत कुछ सीखा।
इस प्रकार, जीवा (Jiva) की खुशियों से भरी यात्रा नदी की किनारे से लेकर गाँव तक एक अद्वितीय और प्यारी कहानी बन गई। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें हमेशा अपनी खुशियों की खोज में रहना चाहिए और अपने दोस्तों के साथ अपने जीवन के हर पल का आनंद उठाना चाहिए।
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